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नहीं मिल रही है प्रदेश की जनता को 24 घंटे बिजली, झूंठ बोलते हैं खट्टर और उनके अधिकारी

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चंडीगढ़: उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधिकारी हरियाणा सरकार को जमकर उल्लू बना रहे हैं। प्रदेश के कई जिलों में कई कई घंटे बिजली गायब रहती है और इन विभागों के अधिकारियों के दावों से खट्टर सरकार खुश रहती है। विभाग के अधिकारियों का दावा है कि 2018/ 19 में  886 करोड़ 94 लाख रुपए का लाभ हुआ है। अधिकारी अन्य कई बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन जमीन पर हालात खराब हैं। जनता बेहाल है। फरीदाबाद के एनआईटी जैसे विधानसभा के कई क्षेत्रो में 10 घंटे भी ठीक से बिजली नहीं मिल रही है। कई जिलों की जनता का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा 10 से 15 घंटे ही बिजली मिल रही है। 

 उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का दावा है कि  इस बार औसत लाइन लॉस 17.45 प्रतिशत रहा जबकि देशभर में बिजली वितरण कंपनियों का औसत लाइन लॉस 18.27 प्रतिशत है। 
बिजली निगम के एक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि इस बार दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का लाइन लॉस 14.86 प्रतिशत व  उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम का लाइन लॉस 21.12 प्रतिशत है। इन दोनों बिजली वितरण कंपनियों का लाइन लॉस 2015-16 में 30.02 प्रतिशत, 2016-17 में 25.43 प्रतिशत और 2017-18 में 20.29 प्रतिशत था। ऐसा पहली बार हुआ है कि हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियों के एग्रीगेट ट्रांसमिशन एंड कॉमर्शियल लॉस में भारी कमी आई है। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा बिजली विभाग की कमान संभाले जाने के बाद से बिजली वितरण कंपनियों के सुधारीकरण के लिए उठाए गए ऐतिहासिक कदमों के फलस्वरूप ही बिजली वितरण कंपनियों की स्थिति में भारी सुधार देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि बिजली निगमों ने गत चार वर्षों में नए बिजली कनेक्शन देने में भी नए रिकार्ड स्थापित किए हैं। निगमों के प्रयासों से 15 लाख से अधिक नए उपभोक्ता जोड़े गए हैं और अब प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 66 लाख 21 हजार से ऊपर पहुंच गई है। इसके अलावा, इस सीजन में प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 11001 मेगावाट दर्ज की गई और इस लक्ष्य को भी डिस्कॉम ने आसानी से पूरा कर लिया।

प्रवक्ता ने बताया कि बिजली निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के कड़े प्रयासों से अब बिजली वितरण कंपनियां लाभ की स्थिति में पहुंच गई हैं, जहां 2017-18 में दोनों निगमों ने 413 करोड़ 35 लाख रुपए  का लाभ अर्जित किया, वहीं, 2018-19 में 280 करोड़ 94 लाख रुपए का लाभ हुआ, इसमें यदि एग्रीकल्चर सब्सिडी के 606 करोड़ रुपए जोड़ दिए जाएं तो यह लाभ 886 करोड़ 94 लाख रुपए होता है। उन्होंने बताया कि 15 साल के बाद पहली बार इन बिजली वितरण कंपनियों को लाभ हुआ है।
प्रवक्ता ने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं को सुचारू और निर्बाध बिजली मिले उसके लिए निगमों में 33 केवी के 157 नए सब भी स्टेशन स्थापित किए गए हैं और 33 केवी के ही 384 सब स्टेशनों की बिजली क्षमता में वृद्धि की गई है। 
हरियाणा अब तक ने अपने पाठकों से अभी 10 मिनट पहले पूंछा कि क्या हरियाणा सरकार और बिजली विभाग के दावे सहित हैं। 10 मिनट में ही 100 से ज्यादा लोगो की प्रतिक्रियाएं आ गईं और लोगों का कहना है कि सरकार और बिजली विभाग दोनों महा झूंठे हैं। 

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