नई दिल्ली- दिन रात कठिन परिश्रम करके देखा गया एक सपना अगर टूट जाता है तो बहुत दुःख होता है। लाखो किलोमीटर की दूरी तय कर चाँद के पास पहुंचा चंद्रयान चाँद की सतह से दो किलोमीटर पहले खो गया जिसके बाद जहाँ देख के करोड़ों लोगों को बहुत दुःख हुआ वहीं देश के उन वैज्ञानिकों को बहुत दुःख हुआ जिन्होंने चंद्रयान बनाया था। सोशल मीडिया पर देश के लोग उन वैज्ञानिकों का दुःख बाँट रहे हैं और उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी इस समय देश को सम्बोधित कर रहे हैं।
पीएम ने कहा की आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए, उसकी जय के लिए जीते हैं। आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए जूझते हैं। आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए जज्बा रखते हैं। मां भारती का सर ऊंचा हो, इसके लिए पूरा जीवन खपा देते हैं।
उन्होंने कहा कि आज भले ही कुछ रुकावटें हाथ लगी हो लेकिन इससे हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है, बल्कि और मजबूत हुआ है। आज हमारे रास्ते में भले ही एक रुकावट आई हो, लेकिन इससे हम अपनी मंजिल के रास्ते से डिगे नहीं हैं। इस मिशन के साथ जुड़ा हुआ हर व्यक्ति एक अलग ही अवस्था में था। बहुत से सवाल थे, बड़ी सफलता के साथ आगे बढ़ते हैं। अचानक सबकुछ नजर आना बंद हो गया, मैंने भी उस पल को आपके साथ जिया है। आज चंद्रमा को छूने की हमारी इच्छाशक्ति और दृढ़ हुई है, संकल्प और प्रबल हुआ है। परिणाम अपनी जगह हैं, लेकिन मुझे और पूरे देश को अपने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों आप सभी के प्रयासों पर गर्व है।
पीएम ने आगे कहा कि हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है। कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती है। ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता होती ही नहीं, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं। हर प्रयोग, हर प्रयास ज्ञान के नए बीज बो के जाता है। नई संभावनाओं की नींव रखके जाता है और हमें अपनी असीम सामर्थ का एहसास दिलाता है। चंद्रयान के सफर का आखिरी पड़ाव भले ही आशा के अनुकूल न रहा हो, लेकिन हमें ये भी याद रखना होगा कि चंद्रयान की यात्रा शानदार रही है, जानदार रही है।
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