फरीदाबाद: दो दिन बाद विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन शुरू हो जाएगा लेकिन अब तक एक बड़ा राजनीतिक परिवार लगभग खामोश है। पूर्व केबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह चुनाव लड़ेंगे या नहीं लड़ेंगे कोई पता नहीं है। बड़खल में फिलहाल सीमा त्रिखा और धर्मबीर भड़ाना ही मैदान में दिख रहे हैं जबकि राधा नरूला, ऐसी चौधरी या अशोक अरोड़ा कांग्रेस की टिकट लाने का प्रयास कर रहे हैं। अफवाहें हैं कि पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह एनआईटी विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं और अगर वो चुनाव न लड़े तो अपने पुत्र विजय प्रताप सिंह को मैदान में उतार सकते हैं। अफवाहों के हाँथ पैर नहीं होते इसलिए ये फ़टाफ़ट फ़ैल जाती हैं। कई दिनों से एनआईटी में यही चर्चा है।
यहाँ से 2014 में नगेन्द्र भड़ाना विधायक बने थे। दूसरे नंबर पर शिव चरण लाल शर्मा रहे थे जिनके हार लगभग 2900 वोटों से हुई थी। तीसरे नंबर पर भाजपा के यशवीर डागर रहे थे। इस बार यहां से भाजपा की टिकट के कई दावेदार हैं जिनमे तीन प्रमुख दावेदारों में यशवीर डागर, नीरा तोमर एवं नागेंद्र भड़ाना हैं और यहीं से बैजू ठाकुर और चंदर भाटिया भी टिकट मांग रहे हैं। टिकट न मिली तो चंदर भाटिया आजाद मैदान में उतर सकते हैं जबकि नीरज शर्मा का चुनाव लड़ना तय है। अगर भाजपा की टिकट यशवीर डागर को मिलती है तो नगेन्द्र भी चुनाव लड़ेंगे ऐसे में चंदर भाटिया, नीरज शर्मा, यशबीर डागर, नगेंद्र भड़ाना सब यहाँ से चुनाव लड़ेंगे। अगर कांग्रेस की टिकट महेंद्र प्रताप या उनके पुत्र को एनआईटी से मिलती है तो एक और उम्मीदवार बढ़ जायेगा और फिर यहाँ महामुकाबला शुरू होगा। हार जीत का अंतर बहुत कम रह जायेगा।
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