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हुड्डा के सामने झुका कांग्रेस आलाकमान

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अनूप कुमार सैनी/हर्षित सैनी ;रोहतक, 4 सितम्बर। कांग्रेस के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले हरियाणा के पूर्व सीएम और दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने पार्टी झुक गई है। हुड्डा की मांग को मानते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक तवंर को प्रदेशाध्यक्ष से पद से हटा दिया है। इसके साथ ही पार्टी आलाकमान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा विधानसभा चुनाव में चुनाव अभियान कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। हालांकि राज्य में अध्यक्ष पद की कमान पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा के हाथ में दी गई है।
          यह घोषणा कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने की। उन्होंने कहा कि कुमारी सैलजा हरियाणा कांग्रेस की नई अध्‍यक्ष होंगी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव कमेटी के प्रधान और कांग्रेस विधायक दल के नेता होेंगे। इसके साथ ही हुडडा  हरियाणा विधानसभा में नेता विपक्ष भी होंगे। इससे पहले बुधवार को दोपहर बाद हुड्डा की सोनिया गांधी के साथ बैठक हुई। यह बैठक करीब दो घंटे तक चली। इसके बाद हरियाणा कांग्रेस में बदलाव का ऐलान किया गया।
         जानकारी के अनुसार हुड्डा और सोनिया गांधी की मुलाकात नई दिल्‍ली में दस जनपथ पर हुई। इस दौरान हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद सहित कई वरिष्‍ठ नेता भी मौजूद थे। बता दें कि कुमारी सैलजा कांग्रेस के राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व की करीबी मानी जाती हैं। पार्टी ने राजस्‍थान में विधानसभा चुनाव के दौरान उनको वहां की अहम जिम्‍मेदारी दी थी।
         कांग्रेस के इस कदम से पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष अशोक तंवर को कड़ा झटका लगा है। हुड्डा खेमा किसी भी कीमत पर तंवर को हटाना चाहता था। भूपेंद्र सिंह हुड्डा इसके लिए आलाकमान पर काफी समय से दबाव बना रहे थे। उन्‍होंने इसके लिए बागी तेवर भी दिखाए थे। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि पार्टी में कुछ कार्यकारी अध्‍यक्ष भी हो सकते हैं। पार्टी के वरिष्‍ठ नेता कुलदीप बिश्‍नोई, अजय सिंह यादव और किरण चौधरी को भी अहम जिम्‍मेदारी दिए जाने की संभावना है।
        हरियाणा में लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य पार्टी अध्यक्ष अशोक तवंर के खिलाफ मोर्चा खोल कर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी थी। कुछ दिन पहले हुड्डा ने रोहतक में एक रैली करते हुए पार्टी में बने रहने और छोड़ने को लेकर एक कमेटी बनाई थी। हुड्डा ने इस रैली में पार्टी के कश्मीर पर लिए गए स्टैंड का भी विरोध किया था। 
        हुड्डा चाहते थे कि तंवर को हटाकर उनको हरियाणा कांग्रेस की कमान दे दी जाए। कांग्रेस आलाकमान ने हुड्ड की मांग नहीं मानी तो उन्‍होंने बागी तेवर भी दिखाए और 18 अगस्‍त को राेहतक में महा परिवर्तन रैली की कांग्रेस से अलग राह अपनाने के भी संकेत दिए थे।
         हुड्डा और अशोक तवंर के बीच पिछले काफी वक्त से लड़ाई चल रही थी। अशोक तवंर को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है और हुड्डा समर्थक लगातार अपनी अनदेखी होने का आरोप लगा रहे थे। अशोक तवंर को 2014 लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में पार्टी की कमान दी गई थी लेकिन उसके बाद वह एक भी चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने में कामयाब नहीं हो पाए।

      दो महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में अशोक तवंर को पद से हटाया जाना हुड्डा के लिए पार्टी के भीतर किसी बड़ी जीत से कम नहीं है। चुनावी प्रबंधन समिति की कमान मिलने से भी साफ है कि विधानसभा चुनाव को लेकर हुड्डा की भूमिका काफी अहम होने वाली है। विधायक दल के नेता के तौर पर हुड्डा किरण चौधरी की जगह लेंगे।
मुश्किल दौर से गुजर रही है कांग्रेस
इस फैसले के बाद भी राज्य में कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं है। हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं और कांग्रेस के पास सिर्फ 17 विधायक हैं। इसके अलावा भी पार्टी के अंदर की गुटबाजी समय-समय पर दिखाई देती रहती है। हुड्डा खेमा राज्य में सबसे मजबूत नज़र आता है। जब उन्होंने बगावती तेवर अख्तियार किए, उस वक्त 13 विधायक और कई पूर्व मंत्री उनके साथ थे।
      हुड्डा के अलावा राज्य में शैलजा, रणदीप सुरजेवाला, कुलदीप बिश्नोई, किरण चौधरी, अशोक तवंर बड़े चेहरे हैं. ये सभी चेहरे एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी को सभी 10 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें हुड्डा और शैलजा भी शामिल थे।
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