चंडीगढ़: बाजी उसी घोड़े पर लगाई जाती है जिसकी जीत की आशाएं होती हैं। कुछ मालदार लोग उसी पार्टी को चन्दा देते हैं जिसकी जीत की उम्मीद हो। देश के कई राज्यों से ऐसी खबरें आईं कि कांग्रेस का खजाना खाली हो गया है। जहा पांच साल से कांग्रेस की सरकार नहीं है वहां कांग्रेस का धंधा बहुत मंदा हो गया है और चन्दा मांगकर गुजारा करना पड़ रहा है। पहले पराये भी पार्टी में चंदा दे देते थे अब अपने भी नहीं दे रहे हैं। यही हाल हरियाणा कांग्रेस का भी है। पांच साल से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं है। कांग्रेस का खजाना यहाँ भी खाली हो गया है। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले हरियाणा कांग्रेस जुआड़ लगा रही है कि किसी तरह से झोली में चार पैसे आ जाएँ और टीम खट्टर से मुकाबला किया जाए।
सूत्रों द्वारा जानकारी मिली है कि प्रदेश कांग्रेस के खाली पड़े खजाने में चंदा एकत्र करने के लिए विधानसभा चुनावों से ठीक पहले निर्णय लिया कि विधानसभा में चुनाव लड़ने के इच्छुक सभी नेताओं को आवेदन करना होगा। शर्त ये होगी कि सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार को 5000 और रिजर्व कैटेगरी के लिए 2000 रुपए फीस जमा कराना होगी। पार्टी के विधायक और पूर्व विधायक समेत सभी को आवेदन की फीस देना अनिवार्य है। खाली पड़े खजाने को भरने के लिए कांग्रेस ने पहले भी अपने विधायकों और अन्य नेताओं को नोटिस दिया था कि पार्टी में चंदा दिया जाए लेकिन कुछ पूर्व विधायकों ने भी चंदा दिया था।
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