फरीदाबाद: ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने कहा है कि हरियाणा में सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खस्ता है| कई स्कूलों की स्कूल बिल्डिंग जर्जर व कंडम हो चुकी है इसके अलावा सभी जरूरी संसाधनों की भारी कमी है जिसके चलते ही इस शिक्षा सत्र में भी छात्रों की संख्या बहुत कम हो गई है और अगर यही हालत रही तो धीरे धीरे कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ाएगा| सरकार की भी यही मंशा है कि छात्रों की संख्या कम होती जाए और उन्हें इन सरकारी स्कूलों को बंद करने में आसानी रहे जिससे अभिभावक मजबूर होकर अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाएं और शिक्षा का व्यवसायीकरण हो तथा प्राइवेट स्कूल और अधिक अधिक फले फूले| सरकार पहले ही सैकड़ों स्कूलों को बंद कर चुकी है और कई स्कूलों में साइंस की पढ़ाई बंद कर दी है| श्री अग्रवाल ने यह बात बुधवार को सीनियर सेकेंडरी स्कूल बाल तिगांव व गर्ल्स स्कूल दयालपुर मैं जाकर कंडम घोषित कर दिए गए कमरों की हालत देखने के बाद कहीं|
हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा भी इस अवसर पर मौजूद रहे| अशोक अग्रवाल ने इन स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों व छात्रों से चर्चा की सभी ने यही बताया कि इन स्कूलों को कंडम तो घोषित कर दिया गया है लेकिन इनकी जगह नए कमरे बनाने का कार्य व नई स्कूल बिल्डिंग बनाने की प्रक्रिया काफी धीमी चल रही है| कई बार इस संबंध में शिक्षा अधिकारियों को निवेदन पत्र भेजा जा चुका है लेकिन उस पर कोई भी उचित कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है मजबूरन बच्चों को इन्हीं कमरों में या खुले आसमान के नीचे पढ़ाया जाता है| छात्रों ने यह भी जानकारी दी कि कमरों में सीलन होती है, रोशनी की व्यवस्था बहुत कम है, पंखे नहीं है और बैठने के लिए बेंच नहीं है, जो है वह टूटी-फूटी हालत में है|
शौचालय की स्थिति भी ठीक नहीं है मच्छरों की भरमार है साइंस लैब कूड़ा खाना बनी हुई है| अशोक अग्रवाल ने स्कूल के कमरे देखकर व छात्राओं की बात सुनकर चिंता जाहिर की और शीघ्र ही उचित कार्रवाई कराने, संबंधित अधिकारियों की जानकारी में यह बातें लाने और अगर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका डालने का आश्वासन दिया| अशोक अग्रवाल ने इस विषय पर उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर छात्राओं द्वारा बताई गई बातों और समस्याओं की जानकारी दी है| बाद में अशोक अग्रवाल ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जिला शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र वर्मा व अनीता शर्मा से इस विषय पर बातचीत करके विद्यार्थियों के हित में शीघ्र कार्रवाई कराने को कहा| कैलाश शर्मा ने इन स्कूलों के गांव के सरपंच व मौजूद लोगों से भी अपने गांव के इन स्कूलों की दशा सुधारने में आगे बढ़कर उचित कार्य कराने को कहा है| श्री अग्रवाल ने कहा है कि वे आगे भी अपनी यह मुहिम जारी रखेंगे और कंडम घोषित कर दिए गए स्कूल कमरे व बिल्डिंग की पहचान करके उनकी जगह नए कमरे व बिल्डिंग बनवाने के लिए पहले सरकारी स्तर पर सफलता न मिलने पर न्यायालय के स्तर पर उचित कार्रवाई कराने का हर संभव प्रयास करेंगे|
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