चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस में तमाम ऐसे अधिकारी भी हैं जिन्हे अपना फर्ज अपनी जान से ज्यादा प्यारा लगता है और ऐसे भी अधिकारी है जो कहते हैं न लूँगा, न दूंगा भले ही खडडे लाइन में डाल दो। हरियाणा अब तक को अपने खास सूत्रों से पता चला है कि लेने देने से इंकार करने वाले एक जांबाज इंस्पेक्टर को कई महीनों तक ट्रैफिक में लगाया गया था। कई अन्य इंस्पेक्टरों को खडडा लाइन में डाल दिया गया था। किसी दबंग को गाय पकड़ने के लिए लगा दिया गया तो किसी दबंग को अन्य जगहों पर लगा दिया गया , ब्रम्हजीत मर्डर केस सुलझाने वाले दबंग इंस्पेक्टर को मिसिंग सेल में लगा दिया गया तो गलत लोगों की पैरवी करने पहुंचे बड़े बड़े नेताओं को गेट आउट कहने वाले दबंग इंस्पेक्टर को साइबर सेल में लगा दिया गया। ऐसे इंस्पेक्टरों की बाद में जय जयकार भी हुई जब उनसे उनकी योग्यता के मुताबिक उस जगह पर लगाया गया जहाँ के वो हक़दार थे। प्रदेश में सैकड़ों ऐसे पुलिस अधिकारी है जो दबंग हैं और अपने कर्म को अपना धर्म समझते हैं लेकिन कहावत है कि एक मछली पूरे तालाब को गन्दा कर देती है।
फरीदाबाद के डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या केस में इंस्पेक्टर अब्दुल ने खाकी पर कलंक लगाया तो आज स्पेशल टास्क फोर्स (Haryana Special Task Force) में तैनात रहा हवलदार राजकुमार उर्फ़ राजू ने खाकी पर बड़ा दाग लगाया। ये हवलदार कुख्यात गैंगस्टर कौशल को सूचना पहुंचाने के बदले उससे पैसे लेता था। विकास चौधरी की हत्या करवाने में इसका अहम् योगदान रहा। पैसे के लिए इसने अपना जमीर बदमाश को बेंच दिया। इन दोनों पुलिसवालों ने हरियाणा पुलिस की जमकर फजीहत करवाई। दोनों को पैसा बहुत प्यारा था, एक ने अपने बड़े अधिकारी को ब्लैकमेल किया और उन्होंने इसकी ब्लैकमेलिंग से तंग आकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिए तो एक ने विकास चौधरी के सीने पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसवा दी, पैसे के लिए दो दोनों हद से ज्यादा गिर गए। और अब ये दोनों गए भी। हरियाणा अब तक के पाठको इसी राज्य में मैं दर्जनों ऐसे पुलिस इंस्पेक्टरों को जानता हूँ जो जान पर खेल कर बड़े-बड़े अपराधियों को पकड़ते हैं लेकिन कहते हैं कि खबर में मेरा नाम और मेरी फोटो मत डालना, मैं अपना फर्ज अदा कर रहा हूँ। इंस्पेक्टर अब्दुल और सिपाही राजू ने हरियाणा पुलिस को गहरा जख्म दिया है। हरियाणा पुलिस ने इन दोनों को बचाने का प्रयास किया तो हरियाणा में खाकी बार-बार दागदार होती रहेगी। इन दोनों को उचित सजा मिली तो कोई खाकी पर सवाल नहीं उठा पायेगा।
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