चंडीगढ़: दिवाली इस साल 27 अक्टूबर को है लेकिन हरियाणा में 24 अक्टूबर को पटाखे फोड़ने का दिन निश्चित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने रोक न लगाईं तो 24 अक्टूबर की शाम हरियाणा में जबरजस्त आतीशबाजी देखी जा सकेगी। ये पटाखे कौन फोड़ेगा ये तो 24 को दोपहर बाद पता चलेगा जब विधानसभा चुनावों के परिणाम आएंगे। हरियाणा में इनेलो के टूटने के बाद मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में होगा। लगभग आधा दर्जन सीटों पर जजपा मुकाबले में रहेगी और इतनी ही सीटों पर इनलो और लगभग दो सीटों पर बसपा और इतनी ही सीटों पर आम आदमी पार्टी मुकाबले में रह सकती है। अभी तक बड़खल विधानसभा को छोड़कर आम आदमी पार्टी कहीं भी मुकाबले में नहीं दिख रही है।
कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस को बसपा से खतरा है। बसपा प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर चुकी है और सभी 90 विधानसभा सीटों पर बसपा के 5 से 15 तक मतदाता है और संभव है बसपा कई सीटों पर अल्प संख्यक समुदाय के लोगो को टिकट दे और ऐसे में ये कांग्रेस के वोटबैंक में सेंध लगेगी इसका फायदा भाजपा को मिलेगा।
भाजपा की बात करें तो अगर भाजपा को कोई इस बार हरा सकता है तो वो है घमंड, प्रदेश के तमाम भाजपा नेताओं के ऊपर घमंड नाम का प्रकोप है। चुनाव तारीख के एलान के दिन एक सर्वे आया था जिसमे भाजपा को 78 सीटें मिलती दिखाया गया जिसे देख भाजपा नेताओं का घमंड और बढ़ गया और अब वो प्रचार में भी कंजूसी करने लगे हैं। कुछ नेताओं में सत्ता का नशा है तो कुछ विधायक घमंडी हो गए हैं जो उनके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ऐसे नेताओ में वो नेता शामिल हैं जो पार्षद भी बनने के लायक नहीं थे लेकिन मोदी लहर में विधायक बन गए थे।
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