चंडीगढ़: बड़ा परिवार तब तक बड़ा रहता है जब तक परिवार के सभी सदस्य एकजुट हों। अगर परिवार में कोई कलह हुई तो वो परिवार बड़ा नहीं रह पाता है, टूटकर विखर जाता है। वर्तमान में हरियाणा की राजनीति में भाजपा परिवार सबसे बड़ा परिवार है लेकिन एक हफ्ते के अंदर इस परिवार की परीक्षा है और परीक्षा में अगर ये परिवार पास न हुआ तो जरूरी नहीं कि हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए सब कुछ ठीक रहे। टिकट वितरण में कोई त्रुटि हुई तो इस परिवार में कलह संभव है। पीएम मोदी के अमेरिका से लौटने के बाद संभवतः 29 या 30 सितम्बर को भाजपा की पहली लिस्ट घोषित होगी। पहली लिस्ट में लगभग सब ठीक-ठाक रहेगा लेकिन उसके बाद जो लिस्ट आएगी उस लिस्ट पर अगर ध्यान न दिया गया तो बड़ा हंगामा हो सकता है।
कांग्रेस रविवार तक पहली लिस्ट जारी कर सकती है लेकिन कांग्रेस की नजर भी भाजपा की दूसरी लिस्ट पर है और हो सकता है कि कांग्रेस भाजपा की दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद ही अपनी दूसरी लिस्ट जारी करे। कांग्रेस को उम्मीद है कि कुछ ऐसे नेताओं को भाजपा की टिकट न मिली जो दूसरे दलों से भाजपा में गए हैं तो कांग्रेस उन्हें टिकट थमा देगी। कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा कह चुकी है कि कई भाजपा नेता उनके संपर्क में हैं ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा परिवार के कुछ सदस्य कांग्रेस के संपर्क में हैं। हरियाणा भाजपा की बात करें तो मोदी लहर के कारण भाजपा 75 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है। प्रदेश के किसी भी नेता कद कद इस पांच साल में इतना नहीं बढ़ा कि भाजपा अपने किसी नेता के नाम पर वोट मांग सके। सीएम मनोहर लाल की बात करें तो उनका चेहरा देखकर ही जनता भड़क जाती है। उनके कुछ बयान वर्तमान में भाजपा पर भारी पड़ रहे हैं। कांग्रेस उनके बयानों को जमकर भुना रही है। गर्दन काट दूंगा वाला बयान भाजपा की कम से कम 10 सीटें ले डूबेगा। चुनावों के दौरान सीएम का कोई और ऐसा बयान आ गया तो भाजपा के लिए बहुत हानिकारक होगा।
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