चंडीगढ़: हरियाणा के सबसे ईमानदार सीएम कहे जाने वाले मनोहर लाल जी कई वर्षों से नारा लगा रहे हैं कि न खाऊंगा न खाने दूंगा लेकिन उनके इन नारों के दौरान ही एक आईपीएस अधिकारी आत्महत्या कर लेता है और एक बड़े नेता की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है जो विधानसभा चुनावों में टिकट का प्रमुख दावेदार था। ये दोनों घटनाएं खाने और खिलाने वालों वालों के कारण संभव हुई हैं। फरीदाबाद के डीसीपी विक्रम कपूर आमहत्या केस में इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद खाने के लिए उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था। डीसीपी कपूर ने अपने सुसाइड नोट में इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था उस पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। पुलिस की खास टीम इस मामले की अब भी जांच कर रही है लेकिन अब इस मामले पर बड़े सवाल उठने लगे हैं। कहा जा रहा है कि अब भी बहुत कुछ छुपाया जा रहा है।
हरियाणा कांग्रेस प्रवक्ता विकास चौधरी की 27 जून को सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई। कई आरोपी गिरफ्तार किये गए हैं। इस मामले में भी खाने की ही बात आ रही है। एक सिपाही भी गिरफ्तार हुआ है जो खाता था और गैंगेस्टर कौशल को भी खिलाता था और बड़े-बड़े लोगो के फोन नंबर बदमाश कौशल को देता था ताकि कौशल उन्हें धमकाकर उनसे फिरौती वसूल सकते। कौशल की गिरफ्तारी पर अब भी बड़े सवाल उठाये जा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़ कौशल को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया जबकि पहले मीडिया में रिपोर्ट आई की कौशल दुबई से जाम्बिया जाने की तैयारी में था। पुलिस ने इस मामले में दुबई का कहीं नाम तक नहीं लिया जबकि कहा गया कि गुरुग्राम और फरीदाबाद के कुछ इंस्पेक्टर दुबई गए थे और काफी समय तक रहे थे और जमकर पसीना बहाया था।
सोशल मीडिया पर शहर के कुछ बुद्धिजीवी अब कुछ बड़े पुलिस अधिकारीयों पर सवाल उठाने लगे हैं। वो सब सच जानना चाहते हैं। कुछ सामाजिक संस्थाएं इस मामले को लेकर एक मंच पर आने की बात कर रही हैं इसी बीच केंद्रीय राज्य मंत्री एवं फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर के दाएं हाँथ कहे जाने वाले विजय बैसला की एक पोस्ट अब वाइरल होने लगी है। विजय ने लिखा है कि
बहुत कुछ आना बाकी है भाई जी बंदरबांट हुई है पैसों में गुड़गांव के इंस्पेक्टर लेवल से लेकर उच्च अधिकारियों तक में पैसा बांटा है इसकी रिपोर्ट हमारे मंत्री जी के पास आ चुकी है जल्दी सीएम साहब से मिलकर अवगत कराएंगे मंत्री जी कि क्या चल रहा है जब पुलिस ही भक्षक बन जाती है तो फिर कौन बचाएगा आम जनता को पैसों के लालच में बिक रहे हैं कुछ अफसर तस्वीर बहुत साफ हो चुकी है की एक नहीं अनेक पुलिस वाले इसमें शामिल थे जिन्होंने कौशल के पैसों पर ऐश की है कई लोगो के नाम साफ तौर पर उजागर होगये है लेकिन लगता है पुलिस की जैसे किरकिरी D.C.P सुसाइड कांड में हुई थी वैसे ही विकास हत्याकांड में भी होने जा रही है फरीदाबाद के लोगों की की हर जुबान पर अलग कहानी है और बहुत मायूसी है पुलिस की कार्यशैली को लेकर फरीदाबाद वासी चाहते हैं इससे जुड़े सारे लोग सामने आने चाहिए जिन्होंने पैसा लिया है सूत्रों के मुताबिक पुलिस को पता भी लग चुका है की बंदरबांट किस-किस में हुई है लेकिन काफी अधिकारी होने की वजह से पुलिस के ईमानदार अफसर भी लाचार है कार्रवाई नहीं कर पा रहे लगता है पुलिस को अपनी रेपुटेशन का कोई ख्याल ही नहीं है ।
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