फरीदाबाद: 1 994में शहर में विकास को गति देने के लिए नगर निगम का गठन किया गया था। प्रदेश का यह पहला नगर निगम था। उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल थे। पहले नगर निगम चुनाव में 25 वार्ड थे। तब से लेकर अब तक नगर निगम की सूरत काफी बदल गई है। अब 40 वार्ड हैं। शहर के पहले मेयर सूबेदार सुमन थे और अब सुमन बाला हैं। तब से अब तक शहर में जितने लोग मेयर बने वो आगे नहीं बढ़ सके। सूबेदार सुमन ने विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन जमानत भी नहीं बची। 2003 से 3 मई 2005 तक मेयर रहे अतर सिंह ने भी विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिंन कामयाब नहीं हुए। देवेंद्र भड़ाना, अनीता गोस्वामी, ब्रम्हवती खटाना, अशोक अरोड़ा भी मेयर रहे लेकिन राजनीति में आगे नहीं बढ़ सके।
पार्षदों की बात करें तो कई पार्षदों की लाटरी लगी और कृष्णपाल गुर्जर पार्षद के बाद विधायक, राज्य में मंत्री और दो बार से केंद्र में मंत्री हैं जबकि शिव चरण लाल शर्मा राज्य में मंत्री रह चुके हैं। शारदा राठौर भी पार्षद के बाद दो बार विधायक और मुख संसदीय सचिव रहीं जबकि सीमा त्रिखा पार्षद के बाद विधायक बनीं और वो भी मुख्य संसदीय सचिव रह चुकी हैं। वरिष्ठ उप महापौर की बात करें तो शिव चरण लाल शर्मा वरिष्ठ उप महापौर थे और राज्य में मंत्री बने।
फरीदबाद के डिप्टी मेयरों की बात करें तो डिप्टी मेयर भी कभी आगे नहीं बढ़ पाए। डिप्टी मेयरों की ये लिस्ट देखें
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