फरीदाबाद: पलवल निवासी एक व्यक्ति अपने बेटे का इलाज करवाने वहीं के एक निजी अस्पताल गया था जहां उस व्यक्ति की तबियत ख़राब हो गई और अस्पताल के डाक्टरों ने कहा कि उस व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ा है। डाक्टरों ने आनन्-फानन में उस व्यक्ति का इलाज शुरू किया लेकिन तबियत ज्यादा ख़राब होने के बाद उसे फरीदाबाद के बीके अस्पताल रेफर कर दिया गया। बीके अस्पताल पहुँचते ही मंगल नाम की इस व्यक्ति की साँसे बहुत कम चल रहीं थीं और एमरजेंसी में तैनात डाक्टरों ने हाँथ खड़े कर दिया और कहा मंगल की मौत हो चुकी है।
इसके बाद मंगल को तीसरी मंजिल स्थित हार्ट सेंटर ले जाने की तैयारी की जा रही थी तभी मंगल के बेटे ने सुझबूझ दिखाई और अपने पिता को अकेले ही स्ट्रेचर पर ले जाते वक्त उनके सीने पर जोर-जोर से हाँथ फेरने लगा। तीसरी मंजिल पर जब अपने पिता को लेकर पहुंचा तो उनके सांसे चलने लगीं और डाक्टरों ने तुरंत उपचार शुरू कर दिया और एंजियोप्लास्टी कर मंगल की जान बचा ली गई। कल मंगलवार को मंगल को डिस्चार्ज पर दिया गया। डाक्टरों का कहना है कि बेटे ने सूझबूझ न दिखाई होती तो कोई अनहोनी हो सकती थी।
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