नई दिल्ली- देश की राजनीति में युवाओ का भविष्य उज्जवल है और हरियाणा विधानसभा चुनावों में कई पार्टियां युवा उम्मीदवारों पर किस्मत आजमा सकती हैं। कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कांग्रेस की कमान संभालते ही कहा था कि वो युवाओं को प्राथमिकता देंगी तो भाजपा भी इस बार कई युवाओं को मौका दे सकती है। चुनाव तारिख के एलान के बाद भी फरीदाबाद जिले की बल्लबगढ़ विधानसभा सीट पर अब तक ज्यादा उम्मीदवार नहीं दिखाई दे रहे हैं। कुछ नेता अपनी गलियों तक ही सीमित हैं और अपनी गलियों में उन्होंने पोस्टर वगैरा लगवा रखे हैं। यहाँ अब भी मुख्य मुकाबला भाजपा और दीपक चौधरी के बीच में है।
भाजपा की टिकट किसे मिलती है ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन दीपक चौधरी शायद आजाद मैदान में उतरें। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस दीपक से संपर्क करने का प्रयास कर रही है क्यू कि शारदा राठौर के भाजपा में शामिल होने के बाद यहाँ दमदार कांग्रेसी उमीदवार नहीं दिख रहा है कांग्रेसी नेता राजेंद्र शर्मा जो 2014 में बसपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े थे शायद वो भी बल्लबगढ़ से कांग्रेस की टिकट मांगने लगे हैं लेकिन बल्लबगढ़ में उनका कोई जनाधार नहीं है और कांग्रेस के सूत्रों से जानकारी मिली है कि कांग्रेस उन्हें भाव दिखती नहीं दिख रही है लेकिन कांग्रेस के पास मजबूत उम्मीदवार न होने के कारण कांग्रेस किसी को भी टिकट थमा सकती है फिलहाल फरीदाबाद के पूर्व विधायक आनंद कौशिक का नाम बल्लबगढ़ में सबसे ऊपर चल रहा है। कहा जा रहा है कि लखन सिंगला को फरीदाबाद से और आनंद कौशिक बल्लबगढ़ से कांग्रेस की टिकट मिल सकती है। अफवाहें ये भी हैं कि भाजपा ने शारदा राठौर को कहीं से टिकट न दिया तो कांग्रेस का प्रयास होगा कि शारदा को घर वापसी करवा बल्लबगढ़ से टिकट दी जाये।
बल्लबगढ़ में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। भाजपा, कांग्रेस और अगर दीपक आजाद लड़े तो मुकाबले में रहेंगे। इसके पीछे कई बड़े कारण हैं। वर्तमान विधायक मूलचंद शर्मा की छबि के कारण बल्लबगढ़ की जनता उन्हें नहीं पसंद कर रही है ,हाल के सर्वे में शर्मा दीपक से बहुत पीछे रहे। दीपक की बात करें तो वो इस समय चुनावों की युद्ध स्तर पर तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने खुद का घोषणा पत्र जारी कर दिया है और सभी बूथों पर अपने कार्यकर्ता बना लिए हैं। दीपक का घोषणा पत्र कुछ यूं है
इस समय बल्लबगढ़ में सभी बूथों पर कार्यकर्ता या तो भाजपा के हैं या दीपक चौधरी के, कांग्रेस, जजपा, आम आदमी पार्टी, इनेलो, लोसपा जैसी पार्टियों के पास सभी क्या 80 फीसदी बूथों पर एक भी कार्यकर्ता नहीं है। दीपक युवा हैं और वर्तमान में वो वार्ड नंबर 37 के पार्षद हैं और ढाई साल से ज्यादा समय से पार्षद हैं और अभी तक उनके कामकाज पर एक भी व्यक्ति ने उंगली नहीं उठाया और हर कोई उनके कामकाज से खुश है जिसका फायदा उन्हें विधानसभा चुनाव में मिल सकता है। दीपक ने मोदी लहर के समय भाजपा उम्मीदवार को हराया था तभी से वो सुर्ख़ियों में हैं और अब बल्लबगढ़ के दूसरे बड़े नेता कहे जा रहे हैं। इसके पहले शारदा राठौर को बल्लबगढ़ का सबसे अच्छा नेता कहा जाता था लेकिन कहा जा रहा है अब वो पृथला? इस कारण दीपक की रोशनी अब और बढ़ चुकी है। वो फरीदाबाद के ऐसे पहले पार्षद हैं जो जनता दरबार के माध्यम से अपने वार्ड ही नहीं बल्लबगढ़ विधानसभा क्षेत्र की जनता की समस्याएं सुलझाते हैं। घपले-घोटाले करने वालों को लपेटने का काम करते हैं। और बहुत कुछ करते हैं। पूरी खबर जल्द
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