चंडीगढ़: 2014 विधानसभा चुनावों में हरियाणा में भाजपा की सरकार बनी उसके बाद दो बड़ी हिंसाओं के बाद भाजपा सरकार कमजोर हुई और हरियाणा कांग्रेस बड़े सपने देखने लगी और उस समय प्रदेश में कांग्रेस का ग्राफ बढ़ रहा था जिसे देख कई कांग्रेसी प्रदेश का अगला सीएम बनने का ख्वाब देखने लगे और कांग्रेस कई गुटों में बंट गई जिसका फायदा भाजपा को मिला और भाजपा पंचायत से लेकर 2019 लोकसभा चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन कर सभी सीटें जीत ली। हाल में कांग्रेस में बदलाव हुआ जिसके बाद हुड्डा-सैलजा की जोड़ी को थोड़ा फायदा मिलता दिख रहा था लेकिन कांग्रेस में अब फिर बड़ी गुटबाजी दिख रही है और ऐसा ही जारी रहा हो इस बार भी कांग्रेस की लुटिया डूब जाएगी।
मंगलवार को पार्टी के तीन बड़े नेता सीएलपी लीडर भूपेंद्र हुड्डा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर और सैलजा ने कुछ मुद्दों पर अपने विचार रखे। लेकिन सभी के बयान अलग-अलग थे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने तो बिना नाम लिए कुछ नेताओं पर टांग खींचने तक के आरोप लगा दिए।
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वे किसी पर व्यक्तिगत बयान कभी नहीं देते। पार्टी में प्रजातंत्र है। इसलिए सभी के अपने-अपने विचार हो सकते हैं। इतना जरूर है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम जब आए तो कार्यकर्ताओं में निराशा थी, लेकिन प्रदेश संगठन में बदलाव के बाद कार्यकर्ताओं में आशा आ गई है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का कभी विरोध नहीं किया। अब यह कानून बन गया है। पहले दीपेंद्र ने ट्वीट करके 370 हटाने का समर्थन किया था। फिर मैंने, लेकिन इसको हटाने का तरीका गलत था।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा कि जो कह रहे हैं लोस चुनाव के परिणाम से निराशा थी, उन्हें बता दूं कि हमारी मेहनत से ही 6 % वोट बढ़े हैं। 5 साल हमने झक नहीं मारी। वे लोग इस चुनाव में पार्टी के इतने ही वोट और बढ़वा दें तो इस बार कांग्रेस 85 पार हो जाएगी। टांग खींचने के दांव मुझे नहीं आते। जो 370 का समर्थन कर रहे हैं उन्हें यह पता होना चाहिए कि पार्टी में अपना स्टैंड नहीं होता है। मेनिफेस्टो कमेटी में शामिल होने का क्या फायदा जो कुछ निर्णय न ले सकें। एक महीना पहले कुछ लोग मंच से बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर चुके हैं। अब मीटिंग का क्या लाभ।
जिस तरह से कांग्रेस के इन नेताओं में अब भी तलवारें खिंची हैं अगर यही सब जारी रहा तो भाजपा को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है।
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