कुरुक्षेत्र। राकेश शर्मा: इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कुरुक्षेत्र पंजाबी धर्मशाला में अपने समर्थको की बैठक में अपने पद से इस्तीफा दे दिया और वही सोशल मीडिया चल रही अफवाहों को भी विराम दे दिया है जो कयास उनके पार्टी छोड़ने के लगाए जा रहे थे। अशोक अरोड़ा ने मंगलवार को अपने समर्थकों के बीच अपने पद से इस्तीफे की घोषणा की उन्होंने कहा कि इनेलो ने मुझे बहुत मान सम्मान दिया आज जो कुछ भी हु इसी पार्टी की देन है उन्होंने कहा कि आज यदि पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जेल में है तो कार्यकर्ताओ की वजह से है उन्होंने कुरुक्षेत्र की जनता को रोजगार दिया और इसी का परिणाम है की उनके राज में 1हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार देने का काम किया था। देश और प्रदेश की राजनीति समय समय पर बदलती रहती है आज राजनीति राष्ट्रीय पार्टियों के इर्द गिर्द घूम रही है इसलिए वह जिस भी पार्टी का दामन थामगे उसका दामन अंतिम सांस तक नही छोड़गे। यहां ये भी कयास लगाए जा रहे थे कि इसी बैठक में कार्यकर्ताओं के सामने वह कांग्रेस में जाने की बात कह सकते है लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी में शामिल नही हुए।
इनेलो पार्टी से लेकर प्रदेश में अशोक अरोड़ा की अपनी साख है ओर प्रदेश में कदावर नेता के रूप में भी जाने जाते है पार्टी को छोड़ने से जहाँ इनेलो को झटका लगा है वही दूसरी ओर कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी भी अशोक अरोड़ा को अपने खेमे में लाने के लिए भरसक प्रयास करेगी यदि कांग्रेस अशोक अरोड़ा को अपने खेमे में लाने में सफल हो जाती है तो कांग्रेस को थानेसर विधानसभा के लिये मजबूत उम्मीदवार मिल जायेगा और कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी में कांटे की टक्कर भी हो सकती है। अशोक अरोड़ा चौधरी देवीलाल के समय से इनेलो से जुड़े हुए है ओर उन्होंने पार्टी में एक आम कार्यकर्ता के रूप में कठिन परिश्रम करके अनेक पदों पर कार्य किया । 1990 में पहली बार विधायक बनकर विधानसभा पहुँचे। 1996, 2000 औऱ 2009 में विधायक बने। 2014 में थानेसर विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन मोदी लहर के कारण भाजपा पार्टी के उमीदवार सुभाष सुधा से हार गए।
Post A Comment:
0 comments: