नई दिल्ली/ फरीदाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनावों की तारीख का एलान किसी भी दिन हो सकता है। भाजपा और कांग्रेस सहित प्रदेश की अन्य पार्टियों के नेता युद्ध स्तर पर चुनावों की तैयारी में जुटे है। आज सीएम मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता के माध्यम से कई बड़ी घोषणाएं की ये घोषणाएं बता रहीं हैं कि किसी भी दिन अब अचार संहिता लग सकती है। फरीदाबाद की बड़खल विधानसभा सीट की बात करें तो यहाँ से पूर्व महापौर अशोक अरोड़ा ने ताल ठोंक दी है। अशोक अरोड़ा अपने दर्जनों समर्थकों के साथ बुद्धवार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और चुनाव कमेटी में विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से आशीर्वाद लेने पहुंचे और ये मुलाकात अब क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है।
अशोक अरोड़ा शहर के मेयर रह चुके हैं और उनका कार्यकाल भी काफी अच्छा रहा था। कोई भी उन पर या उनके कामकाज पर उंगली नहीं उठा पाया था और प्रदेश के बड़े कांग्रेस नेताओं से उनके संपर्क हैं। माना जा रहा है कि अशोक अरोड़ा कांग्रेस की टिकट ला सकते हैं। पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा से भी अशोक अरोड़ा से काफी देर तक गुफ्तगू हुई।
बड़खल विधानसभा पंजाबी बाहुल्य सीट है इसलिए यहां से भाजपा की टिकट के भी कई दावेदार पंजाबी समुदाय के लोग दिख रहे हैं। विधायिका सीमा त्रिखा, राजीव जेटली और धनेश अदलक्खा यहाँ से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं जबकि कांग्रेस की राधा नरूला, ऐसी चौधरी और अब पूर्व महापौर अशोक अरोड़ा भी यहीं से दावेदारी जता रहे हैं। भाजपा की बात करें को यहाँ के अधिकतर लोग धनेश अदलक्खा को बाहरी बता रहे हैं। राजीव जेटली प्रदेश प्रवक्ता हैं और अच्छे छबि के नेता हैं और सेक्टर 21 में रहते हैं इसलिए क्षेत्र ने उनके खिलाफ कोई निगेटिव बात अब तक नहीं सुनाई पडी। आम आदमी पार्टी यहाँ से धर्मबीर भड़ाना को मैदान में उतार चुकी है जबकि इनेलो यहाँ से अजय भड़ाना को मैदान में उतार सकती है।
पूर्व महापौर अशोक अरोड़ा के बारे में हरियाणा अब तक को जो जानकारी है उसके मुताबिक़ रामलीला मंचन से मेयर तक के सफर में अशोक अरोड़ा के जीवन का धार्मिक भावना व समाज सेवा का पक्ष जबरदस्त मजबूत है। मध्यम परिवार से संबंध रखने वाले सादगी के धनी अरोड़ा हनुमान जी के भक्त हैं।
महापौर चुने जाने से पहले अशोक अरोड़ा फिजियोथैरेपिस्ट कहे जाते थे और उनके पास हड्डी जुड़वाने, मालिश करवाने, मांस फटने का उपचान करवाने के लिए हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, हिमचाल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली से मरीज आते थे । बताया जाता था उनके हाँथ लगाने से ही मरीज जल्द ठीक हो जाते हैं। मेयर चुने जाने के बाद भी उनकी सेवा जारी रही। अशोक अरोड़ा अब विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाना चाहते हैं। टिकट मिली तो सेवा भाव उनके काम आ सकता है।
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