चंडीगढ़ /रोहतक, 10 सितम्बर। हरियाणा में इनेलो का बहुत बुरा हाल है। अधिकतर विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। अब पूर्व मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने इनेलो छोड़ने का एलान कर दिया जिसे देख लगता है कि चुनावों तक अभय चौटाला ही इनेलो में रह जाएंगे।
आज रोहतक पहुंचे अभय सिंह चौटाला ने ट्रैफिक नियमों के अधीन लगाए जा रहे जुर्मानों की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि यह व्यावहारिकता से परे हैं और इससे जनता की परेशानियां बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की नई जुर्माने की दरें बना कर लागू की गई हैं, उससे हरियाणा की जनता में बेहद आक्रोश है क्योंकि वे नियमों की उल्लंघना की गंभीरता की तुलना में आसमान को छूने वाली हैं।
अभय सिंह चौटाला ने यह भी कहा कि जबसे यह नई दरें लागू की गई है, तभी से ट्रैफिक पुलिस द्वारा उल्लंघना करने वालों को पकड़ने का एक अभियान चलाया है। इसे देखते हुए यह प्रश्न उठता है कि इन दरों के बढऩे से पहले ट्रैफिक पुलिस ने उल्लंघना करने वालों को कभी पकड़ कर जुर्माना लगाने का प्रयास क्यों नहीं किया?
उनका कहना था कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, जिससे यह लगे कि पहले भी इसी संख्या में जुर्माने किए जाते थे। किंतु जुर्माना कम होने के कारण उनका प्रभाव उल्लंघना करने वालों पर नहीं पड़ रहा था। बढ़े हुए जुर्माने की दर को तभी उचित ठहराया जा सकता था, जब यह सिद्ध हो जाता कि कम दरों वाले जुर्मानों का कोई असर उल्लंघना करने वालों पर नहीं पड़ रहा था।
अभय चौटाला के अनुसार यह बढ़ी हुई दरें उन पुलिस कर्मचारियों के लिए वरदान बनकर आई हैं जो भ्रष्ट हैं और जुर्माने की आड़ में वाहन चालकों से वसूली करते हैं। बढ़ी हुई दरें और उनसे बचने के लिए किसी चालक द्वारा पुलिस कर्मी को पैसे देकर छुटने का प्रयास एक प्रकार से ईमानदार पुलिस कर्मियों को भी भ्रष्ट करने का प्रयास बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को बढ़ी हुई जुर्माने की दरों पर पुनर्विचार करना चाहिए और व्यावहारिकता के आधार पर इनमें सुधार किया जाना चाहिए और यह भी प्रयास करना चाहिए कि ट्रैफिक पुलिस सालभर सड़कों पर चौकस रहें और उल्लंघना करने वालों को दण्डित करे, न कि साल में कभी सुरक्षा सप्ताह मनाकर अपने कर्तव्यपालन की लीपापोती करें।
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