फरीदाबाद: किसी भी एग्जाम को पास करने के लिए आपको किताबी ज्ञान नहीं चाहिए बल्कि आपको अपनी सोच और समझ अहम मुद्दों पर खुद बनानी होगी। मेरा सपना था कि मुझे आईएस बनना है। हौंसला तो था ही साथ में चुनौतियां भी काफी थी। मेरा सफर काफी लंबा था क्योंकि ये मेरा दूसरा प्रयास था। घरवालों से मुझे काफी स्पोर्ट मिला और मेरा प्रयास रंग लाया। ये कहना है सिद्दार्थ जैन का जिन्हे भारतीय सिविल सर्विस परीक्षा में 13 वां स्थान मिला था। आईएएस सिद्धार्थ जैन कल फरीदबाद के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे।
उड़ान आईएसएस इंस्टीट्यूट की तरफ से हाल में एक निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया था जिसका पुरस्कार वितरण समारोह कल होटल मैगपाई में आयोजित किया गया। इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेते हुए आईएएस सिद्धार्थ जैन ने कहा कि जीवन की लड़ाई में हमेशा शक्तिशाली या तेज व्यक्ति नहीं जीतता , जीतता वो है जो सोचा है की वो जीत सकता है। उन्होंने कहा कि 10000 छात्र भारतीय सिविल सर्विस परीक्षा देते हैं और उनके एक ही छात्र चुना जाता है। उन्होंने कहा कि कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं है इंसान को हौसला नहीं खोना चाहिए। उन्होंने छात्रों को कई तरह की जानकारियां दीं और उनका हौसला बढ़ाया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शहर के जाने मानें उद्योगपति राजीव चावला ने अपने अनुभव को छात्रों से साझा करते हुए उन्हें बताया कि हमारे अंदर हौसला हो तो हम ऊंची उड़ान भर सकते हैं। उद्योगपति चावला ने कहा कि जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए हमने अच्छी संगति की जरूरत है, अच्छे दोस्त की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पानी की एक बूँद नाले में गिरती वो वहीं समा जाती है, खो जाती है । वही पानी की बूँद अगर फूल पर गिर जाए तो चमक जाती है और वही बूँद अगर सीप पर गिर जाए जो मोती बन जाती है। इसी तरह से हमें अगर अच्छे दोस्त मिल जाएँ तो हमारी जिंदगी चमका सकते हैं। हमारे भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है। तभी काम को पूरा करने का दृढ़ संकल्प भी हमारे मन में बना रहता है। अनुशासन व्यक्ति, समाज और देश दोनों के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए अनुशासित बनें और लक्ष्य पर निगाह रखें, आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कई अच्छी कहानियों के माध्यम से छात्रों का हौसला बढ़ाया।
कार्यक्रम को कवि दिनेश रघुवंशी और रावल शिक्षण संस्थान के चेयरमैन सीबी रावल ने भी सम्बोधित किया। निबंध लेखन में प्रथम पुरस्कार कार्तिकेय गौड़, दूसरा पुरस्कार श्रीमती किरण, तीसरा पुरस्कार सिमरन आहूजा को मिला। यश्विनी, राहुल, और अर्चित अग्रवाल को भी उनके खास प्रदर्शन के लिए पुरस्कार दिए गए।
कार्यक्रम के अंत में उड़ान आईएसएस इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर डा. जयश्री चौधरी बताया कि इंस्टीट्यूट की तरफ से एक निबंध लेखन प्रतियोगिता विद्या मंदिर स्कूल सेक्टर 15 में आयोजित की गई थी और इस प्रतियोगिता में फरीदाबाद और पलवल के लगभग 350 छात्रों ने भाग लिया था।
प्रतियोगिता में जिन विषयों पर निबंध लिखना था उनमे पहला विषय था कि कलम की ताकत तलवार की ताकत से अधिक होती है। दूसरा प्रश्न था कि भारत एवं आविष्कार कूटनीति, तीसरा प्रश्न भारत की प्रमुख समस्या -बेरोजगारी या अर्ध्य बेरोजगारी और चौथा प्रश्न था पहले वो आपको नजरअंदाज करेंगे, फिर आप पर हँसेंगे, फिर आपसे युद्ध करेंगे, फिर आप जीत जाएंगे।
उन्होंने बताया कि सभी छात्रों ने अच्छे निबंध लिखे थे लेकिन प्रतियोगिता के पहले ही कहा गया था कि प्रथम पुरस्कार 11 हजार, द्वितीय 71 सौ और तीसरा पुरस्कार 51 सौ रूपये का होगा और अन्य छात्रों को भी प्रशस्ति
पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया।
गया।
Post A Comment:
0 comments: