Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?- अटल बिहारी वाजपेयी

first death anniversary of former PM ‘Bharat Ratna’, Shri Atal Bihari Vajpayee
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

नई दिल्ली: देश आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की  प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहा है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत बीजेपी के कई बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने सदैव अटल पहुंचे। गृह मंत्री और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह  ने 'सदैव अटल' स्मारक में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

 सोशल मीडिया पर उन्हें सुबह से ही श्रद्धांजलि दी जा रही है। अटल जी एक अच्छे कवि भी थे। उनकी कुछ लाइनें आज भी लोग याद करते हैं। पढ़ें
1-बाधाएं आती हैं आएं
घिरें प्रलय की घोर घटाएं,
पांवों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,

निज हाथों से हंसते-हंसते,
आग लगाकर जलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
2 - मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?

आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है,
नाव भंवरों की बांहों में मेहमान है।

पार पाने का क़ायम मगर हौसला,
देख तेवर तूफ़ां का, तेवरी तन गई।

मौत से ठन गई।

3 -आजादी का दिन मना,
नई गुलामी बीच;
सूखी धरती, सूना अंबर,
मन-आंगन में कीच;
मन-आंगन में कीच;
कमल सारे मुरझाए;
एक-एक कर बुझे दीप,
अं‍धियारे छाए;
कह कैदी कविराय
न अपना छोटा जी कर;
चीर निशा का वक्ष
पुन: चमकेगा दिनकर।
4 -भारत जमीन का टुकड़ा नहीं,
जीता जागता राष्ट्रपुरुष है।

इसका कंकर-कंकर शंकर है,
इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है।
हम जियेंगे तो इसके लिये
मरेंगे तो इसके लिये।

श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रथम पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि।
  
फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

India News

Post A Comment:

0 comments: