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दोगलेपन के कारण फंसा जोमैटो, सोशल मीडिया पर जोमाटो बायकाट का अभियान शुरू

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हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर कल से जोमैटो छाया हुआ है। अब जोमैटो को बहिष्कार का अभियान चलाया जा रहा है। आपको बता दें कि  पं अमित शुक्ल ने 30 जुलाई को एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि अभी-अभी जमैटो पर एक ऑर्डर कैंसल कर दिया क्योंकि वे एक गैर-हिंदू राइडर को खाना पहुंचाने मेरे पास भेज रहे थे। उन्होंने कहा कि वे राइडर चेंज नहीं कर सकते और ऑर्डर कैंसल करने पर रिफंड भी नहीं करेंगे। मैंने कहा कि आप मुझे डिलिवरी लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। मैं रिफंड नहीं चाहता हूं, बस कैंसल कर दीजिए।

अमित शुक्ल ने अपने दूसरे ट्वीट में अपने फोट से जमैटो ऐप हटाने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि जमैटो मुझ पर उन लोगों से डिलीवरी लेने का दबाव बनाती है जिनसे नहीं लेना चाहते। फिर वह न रिफंड भी नहीं करती है और न सहयोग। इसलिए मैं यह ऐप हटा रहा हूं। इस मुद्दे पर वकीलों से बात करूंगा। अमित के इस ट्वीट पर ट्विटर पर उनके खिलाफ कई बयान आये और ट्रोल भी हुए, लोगों ने लिखा कि अमित काफी हद तक गलत हैं लेकिन इसके बाद जोमैटो के मालिक ने आग में घी डाल दिया और उन्होंने लिखा कि ऐसे ग्राहक की हमें जरूरत नहीं है।
इस दौरान जमैटो ने ट्वीट किया, 'भोजन का कोई धर्म नहीं होता है। यह खुद में एक धर्म है।' बाद में जमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने लिखा कि हमें आइडिया ऑफ इंडिया और हमारे सम्मानित ग्राहकों एवं पार्टनरों की विविधता पर गर्व है। हमें हमारे मूल्यों के रास्ते में आड़े आने वाला बिजनस खोने पर कोई दुख नहीं है। 
इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने बायकाट जोमैटो अभियान चला दिया। लोग लिखने लगे कि जोमाटो के मालिक ने कहा क "हिंदुओं के बिना भी हमारा व्यापार चलता रहेगा"। Zomato को अनइंस्टॉल  कर इसकी औकात दिखाएं।
इसके बाद लोग वो वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करने लगे जिनमे जोमैटो फ़ूड में कांच के टुकड़े वगैरा मिले थे। गोयल का ट्वीट उन पर भारी पड़ने लगा है। लोग जोमैटो एप रिमूव करने लगे हैं। ट्विटर पर जोमैटो को लेकर कई ट्रेंड चल रहे हैं जो जोमैटो के खिलाफ हैं। 

यहाँ हरियाणा अब तक किसी का पक्ष नहीं ले रहा है इसलिए जोमैटो के नैतिक मूल्यों के बारे में भी हम आपको जानकारी देना उचित समझ रहे हैं। आपको बता दें कि जोमैटो के नैतिक वसूल बेहद खोखले हैं। जोमॅटो ने कुछ माह पूर्व एक मुस्लिम व्यक्ति जिसने डिलीवरी में हलाल खाना न मिलने पर शिकायत की थी और  उसे बदलने की मांग की थी । उसपर जोमैटो ने तुरंत शिकायत ध्यान में लेकर उसे छुडाने का विश्वास दिया था । इस तरह जोमैटो दोगला व्यवहार कर रहा है ।
मुस्लिम व्यक्ति की शिकायत पर तुरंत उसे बदल देने का आश्वासन देनेवाली जोमैटो हिन्दू व्यक्ति द्वारा खाना रद्द करने की मांग पर उसे धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढाती है, क्या यह दोगलापन नहीं है ? तमाम हिन्दू सावन मास में कई तरह के खान-पान से दूर रहते हैं और पंड़ित अमित शुक्ला का भी कहना था कि सावन चल रहा है हम ऐसे लोगों के हाँथ का भोजन नहीं कर सकते जो नॉनवेज के? यही कारण है कि उन्होंने आर्डर कैंसिल किया था। जोमैटो के मालिक ने ट्वीट पर जो कुछ लिखा उससे लोग भड़क गए। कुछ प्रतिक्रियाएं

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