चंडीगढ़, 20 अगस्त- हरियाणा सरकार ने राज्य में बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध कर लिए हैं। सभी सम्बंधित जिला प्रशासनों को स्थिति पर कड़ी नजर रखने और किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति से निपटने के लिए अपने आपदा प्रबंधन संसाधनों को पूरी तरह से तैयार रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। बहरहाल, प्रभावित क्षेत्रों से अब तक जान-माल के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है।
राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कि सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को भी पूरी तरह से तैयार रखा गया। इसके अतिरिक्त, सभी सम्बंधित विभागों को सम्बंधित जिलों के संवेदनशील क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं एवं आपूर्ति को बनाए रखना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए सिंचाई और जल संसाधन विभाग के सभी अधिकारियों को बाढ़ मशीनरी और बाढ़ से निपटने वाले उपकरणों जैसे कि एक लाख खाली सीमेंट की थैलियों, 400 लकड़ी की बल्लियों और 100 एमएस वायर क्रेट्स, जेसीबी मशीनों आदि के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में यमुना नदी, मारकंडा, तांगरी और इसकी सहायक नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में 17 और 18 अगस्त, 2019 की रात को हुई भारी वर्षा के कारण इन नदियों में 18 अगस्त को भारी जलप्रवाह हुआ। उन्होंने बताया कि 18 अगस्त को प्रात: 5.00 बजे हथनी कुंड बैराज पर यमुना नदी में पानी का डिस्चार्ज 62,840 क्यूसिक था, जो सायं 5.00 बजे तक बढक़र 8,14,397 क्यूसिक और सायं 6.00 बजे और बढक़र 8,28,072 क्यूसिक हो गया, जोकि यमुना नदी में अब तक का सबसे अधिक जलप्रवाह है। मुलाना में मारकंडा नदी में 19 अगस्त को प्रात: 49,073 क्यूसिक जलप्रवाह रहा।
प्रवक्ता ने बताया कि ‘उच्च बाढ़’ की स्थिति की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में 18 अगस्त को उच्च बाढ़ चेतावनी जारी की थी। उन्होंने बताया कि 19 अगस्त को जिला यमुनानगर से यमुना नदी का भारी जलप्रवाह सुरक्षित रूप से गुजर गया और इस क्षेत्र में अब तक नुकसान होने की कोई रिपोर्ट नहीं है। यह जलप्रवाह जिला करनाल से गुजरा, जहां इंद्री खंड के कुछ गाँव जैसे कि चंद्रो, गढ़ी बीरबल, नबियाबाद, डबकोली खुर्द, सईद छपरा, कमालपुर गड़रियां, जपति छपरा, हंसू माजरा इससे प्रभावित हुए। वर्तमान में जिला करनाल में डिस्चार्ज कम हो गया है और अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
उन्होंने बताया कि यमुना में अचानक पानी बढ़ जाने के कारण करनाल के इंद्री इलाके में गढ़पुर टापू पर नौ सदस्यों का एक परिवार फंस गया था। कड़ी खोज और बचाव अभियान का संचालन करके इन लोगों को 19 अगस्त को रात्रि लगभग 2.15 बजे भारतीय वायु सेना की मदद से एयरलिफ्ट किया गया। यह एक बहु-एजेंसी अभ्यास था, जिसमें नागरिक और सैन्य एजेंसियों ने अच्छा तालमेल दिखाया। जिला बचाव दलों द्वारा गाँव गढ़ी बराल के एक व्यक्ति, गाँव डबकौली खुर्द के 10 लोगों और गाँव रंदोली के एक व्यक्ति को बचाया गया है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार, जिला पानीपत में बाढ़ का पानी 20 अगस्त की सुबह सुरक्षित रूप से निकल गया और अब तक किसी नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है।
जलप्रवाह आगे सोनीपत जिले में चला गया है और अब तक जानमाल के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है। सोनीपत के निचले इलाकों से लगभग 25 परिवारों को निकाला गया है। यमुना नदी के तटबंधों पर 24 घंटे सख्त निगरानी रखी जा रही है। हथनीकुंड बैराज में नदी का जलप्रवाह कुछ कम है। सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल का जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क और तैयार है। विभिन्न स्थलों पर पर्याप्त मानव शक्ति और मशीनरी तैनात की गई है। फरीदाबाद और पलवल जिलों में जिला प्रशासन द्वारा लगभग 500 परिवारों को बाढ़ की चपेट में आने से बचाने का काम किया जा रहा है।
प्रवक्ता ने बताया कि मारकंडा और तांगरी नदी में आई बाढ़ भी सुरक्षित रूप से गुजर गई है और अभी तक किसी भी नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है। जिला अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल और सिरसा में जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए मशीनरी के साथ पर्याप्त संख्या में कर्मचारी पूरी तरह से तैयार हैं।
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