फरीदाबाद: कांग्रेस की चुप्पी के बाद बड़खल विधानसभा सीट पर अब तमाम भाजपा नेताओं की निगाहें लगी हैं। हाल में यहाँ की वर्तमान विधायिका के खिलाफ कई ऐसे भाजपा नेताओं ने आवाज उठाया जो अब तक किसी वार्ड के पार्षद तक नहीं बन सके हैं। अब यहाँ एक बड़ी अफवाह फ़ैल रही है। कहा जा रहा है कि विधायिका सीमा त्रिखा को यहाँ से चेयरमैन धनेश अदलक्खा का साथ मिलने लगा है। अफवाहों में कहा जा रहा है कि कोई तीसरा नेता आवाज न बुलंद कर सके इसलिए यहाँ सीमा की मदद के लिए धनेश को लाया गया है और भाजपा का प्लान है कि जब टिकट बांटने की बारी आये तो धनेश सीमा के साथ खड़े हो जाएँ और जो विरोध कर रहे हैं उनके मंसूबों पर पानी फिर जाये। ये अफवाह ही है। सच क्या है ये तो हरियाणा भाजपा के बड़े नेताओं को पता होगा लेकिन सीएम मनोहर लाल की जन आशीर्वाद यात्रा के एक दिन पहले धनेश अदलक्खा के एक दो नहीं हजारों होर्डिंग्स रातोरात इस क्षेत्र में लगे थे और उन्होंने दौलतराम खान धर्मशाला के बाहर सीएम का स्वागत भी किया था।
इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक इस क्षेत्र का कोई भाजपा नेता सीमा त्रिखा के कद के बराबर नहीं दिखता। सीमा त्रिखा की बात करें तो सन 2005 में पहली बार सीमा त्रिखा पार्षद चुनी गई थी। इस दौरान वह काफी एक्टिव रहीं। सेक्टर 21 बी में रहने वाली सीमा त्रिखा के पति अश्वनी त्रिखा शहर के जाने वाले वकील हैं। पेशे से कंप्यूटर टीचर सीमा त्रिखा ने सन 1990 से लेकर सन 2005 तक स्कूल में जॉब की। इसके बाद ये समाजसेवा में सक्रिय हो गईं। पहली बार सन 2005 में नगर निगम का चुनाव लड़कर निगम सदन में पहुंची थी। सन 2009 में उन्हें विधानसभा चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा। 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इन्हें दोबारा टिकट देकर मैदान में उतार दिया। इस चुनाव में सीमा त्रिखा ने जिले के कद्दावर नेता व प्रदेश की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे महेंद्र प्रताप सिंह को करीब 37 हजार वोटों से शिकस्त दी। अब इन्हें प्रदेश सरकार में मुख्य संसदीय सचिव बनाया गया। प्रदेश में एक नियम के कारण वो मुख्य संसदीय सचिव नहीं रहीं लेकिन वो अब भी बड़खल की विधायिका हैं।
वर्तमान में सीमा त्रिखा का विरोध करने वाले सीमा त्रिखा के कद के आगे कहीं नहीं टिकते। दुनिया में आज तक कोई ऐसा नेता नहीं पैदा हुआ है जो हर काम 100 फीसदी सच ही करे इसलिए नेताओं से कभी कभी कोई गलती हो जाती है। सूबे के कई बड़े नेता कई बड़ी गलतियां कर चुके हैं लेकिन उनकी गलतियों के कारण उनकी टिकट शायद ही छिने। सीमा त्रिखा इस समय बड़खल से टिकट की प्रमुख दावेदार हैं। उन्होंने 2014 में हरियाणा के मिनी सीएम कहे जाने वाले महेंद्र प्रताप सिंह को धूल चटाया था। देश के तमाम नेताओं ने अपने पहले कार्यकाल में तमाम गलतियां की हैं लेकिन उसके बाद उन्होंने अपनी गलतियां सुधार लीं। हरियाणा अब तक को आज अपने खास सूत्रों से पता चला कि बड़खल से टिकट की दौड़ में अब भी सीमा त्रिखा अन्य दावेदारों से बहुत आगे हैं। बड़खल क्षेत्र के युवा भाजपा नेता प्रेम कृष्ण आर्य उर्फ़ पप्पी ने सीमा त्रिखा को दुबारा टिकट मिलने की अग्रिम बधाई दी है। पप्पी ने विधायिका सीमा त्रिखा को आज उनके जन्मदिन पर उन्हें बधाई देते हुए उनकी दीर्घायु की कामना की है।
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