चंडीगढ़, 9 अगस्त- हरियाणा सरकार द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के सफल क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप इतिहास में पहली बार प्रदेश में बेटियों की जन्म दर 918 तक पहुंची है। इस प्रकार, वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 920 के ऊपर पहुंचने का है।
यह जानकारी मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता की अध्यक्षता में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई जिला उपायुक्तों के साथ विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में पीएनडीटी, एमटीपी व पॉक्सो एक्ट तथा सीएम विंडो, सोशल मीडिया ग्रीवेंस ट्रेकर, हरियाणा विजन जीरो, अंत्योदय सरल प्रोजेक्ट व सक्षम हरियाणा की समीक्षा की गई।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2014 में 1000 लडक़ों पर लड़कियों की संख्या 871, 2015 में 876, 2016 में 900, 2017-18 में 914 थी जबकि जून, 2019 तक यह संख्या 918 है। डॉ. राकेश गुप्ता ने बेटियों को बचाने के लिए किए गए बेहतर प्रदर्शन के लिए पंचकूला, हिसार, यमुनानगर, नारनौल और अंबाला जिला प्रशासन की सराहना की। इसके अलावा उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीएनडीटी, एमटीपी व पॉक्सो एक्ट में जहां-जहां त्रुटियां है, उन्हें दूर किया जाए और तत्पर्ता से कार्य करें। डॉ. गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग को लिंगानुपात में और अधिक सुधार लाने के निर्देश दिए। छापामारी अभियान में तेजी लाई जाए। लिंगानुपात की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाए। उन्होंने पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग को एक टीम के रूप में ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लिंग जांच व कन्या भ्रूण हत्या में शामिल लोग किसी भी सूरत में बचने न पाएं।
डॉ. गुप्ता ने हरियाणा विजन जीरो की समीक्षा पर विशेष कार्य करने के निर्देश दिए ताकि सडक़ हादसों पर अंकुश लगाकर लोगों की जान बचाई जा सके। उन्होंने रोड सेफ्टी ऐसोसिएटस और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस पर विशेष अमल करने के निर्देश दिए। सडक़ पर दुर्घटना संभावित स्थानों पर साईन बोर्ड लगाए जाएं ताकि वाहन चालक संभल कर व पूरी तरह से सचेत होकर वाहन चलाएं।
अंत्योदय सरल प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए डॉ. गुप्ता ने बताया कि पलवल के तीन अंत्योदय सरल केंद्रों व एक सरल केंद्रों ने जून-जुलाई महीने में विभिन्न विभागों से संबंधित योजनाओं व सेवाओं के लिए बेहतर कार्य करने पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है, यह काबिल-ए-तारिफ है और अन्य जिले भी अपनी कार्यप्रणाली में तेजी लाएं। उन्होंने सीएम विंडो पर लंबित शिकायतों और सोशल मीडिया पर आने वाली शिकायतों का भी तत्परता से समाधान करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सक्षम योजना का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार करना है ताकि बच्चा पूरा सिलेबस अच्छी तरह से कर सके। उन्होंने कहा कि 3 सितंबर, 2019 को सक्षम योजना के तहत विद्यार्थियों का सक्षम मूल्यांकन होगा, जिसकी तैयारियां जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी अभी से शुरू कर दें ताकि बच्चों के शिक्षा स्तर में जरूरी सुधार लाया जा सके। उन्होंने कहा कि स्कूलों की तरह ही अब प्रदेश के सरकरी कॉलेजों के स्तर को भी बढ़ाया जाएगा ताकि निजी कॉलेजों की तरह हर बच्चे को अच्छी से अच्छी उच्चतर शिक्षा सरकारी कॉलेजों में भी प्राप्त हो सके।
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