फरीदाबाद: केंद्र सरकार ने हाल में जल शक्ति अभियान शुरू किया था जिसके माध्यम से लोगों में जल संचयन के प्रति जागरूकता फैलाना था और हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी तालाबों का जीर्णोद्वार करने का फैसला लिया था। प्रदेश में वर्ष 2017 में ‘हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण’ की स्थापना की गई। प्रदेश सरकार ने हाल में सैकड़ों तालाब खुदवाने की बात की थी ताकि वर्षा का जल्द इकठ्ठा किया जा सके और ये पानी सिंचाई के काम में आये और जल लेवल भी ज्यादा नीचे न खिसक सके। हरियाणा के फरीदाबाद में कई पुराने तालाब थे लेकिन वर्तमान समय में अधिकतर तालाबों पर भू माफियाओं का कब्ज़ा हो गया। माफियाओं ने तालाबों को पाटकर वहां बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी कर दीं जिस कारण अब शहर में हल्की बारिश भी होती है तो पानी सड़को पर भर जाता है।
बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एलएन पराशर ने हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा को एक पत्र लिखा है जिसमे उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में जल भराव और जल की कमी का कारण तालाबों का माफियाओं द्वारा विलुप्त करना है। पाराशर के मुताबिक़ एनआईटी क्षेत्र की परवतिया कालोनी, जवाहर कालोनी, डबुआ कालोनी में जरा सी बारिश के बाद सड़कें तालाब इसलिए बन जाती हैं क्यू कि क्षेत्र के सारन में एक बड़ा तालाब अब गायब होने के कगार पर है। पाराशर ने कहा कि सारन तालाब पर माफियाओं ने पूरी तरह कब्ज़ा कर लिया है।
वकील पाराशर ने कहा कि अगर माफियाओं ने तालाब की रजिस्ट्री की है तो फर्जी तरीके से हुआ है क्यू कि तालाब बहुत पुराना था और यहाँ की रजिस्ट्री नहीं हो सकती। पाराशर ने कहा कि सारन तालाब पर कब्ज़ा करने वालों से निगम के कुछ अधिकारी भी मिले हुए हो सकते हैं क्यू कि बिना मिलीभगत से लगभग 10 एकड़ के तालाब पर ऐसे ही कोई कब्ज़ा नहीं कर सकता। पाराशर ने कहा कि मैंने तालाब और आसपास का नक्सा निकलवाया है जिसमे एक बड़े तालाब को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि अब इस तालाब पर माफियाओं के माध्यम से सैकड़ों लोगों ने कब्ज़ा कर लिया है। उन्होंने मुख्य सचिव से मांग की है कि तुरंत इसकी जाँच करवाई जाये और तालाब पर कब्ज़ा करने वाले माफियाओं और अधिकारियों पर मामला दर्ज किया जाए। पाराशर ने कहा कि अगर माफियाओं पर कार्यवाही न की गई तो मैं कोर्ट के माध्यम से उन पर मामला दर्ज करवाऊंगा।
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