हर्षित सैनी: रोहतक, 1 अगस्त। हाईटेंशन तारों की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलसे 12 वर्षीय विवेक की मां अपने बेटे का कटा बाजू देखकर बार-बार बेहोश हो रही हैं। जब वह होश में आती हैं तो उनकी आंखों से आंसू नहीं सूखते। बेटे के साथ हुए इतने बड़े हादसे को लेकर सुमन का कहना है कि वह दोषियों को सजा दिलाने और अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ेंगी।
पीड़ित बच्चे की मां ने हादसे के लिए सीधे तौर पर बिजली निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी ठहराया है। सुमन का कहना है कि यदि पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया तो वह सीएम दरबार तक जाएंगी और लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के वक्त धमाका इतना तेज हुआ था कि वहां से गुजरने वाले लोग डर गए थे। बाद में लोग डरते-डरते बच्चे के पास पहुंचे और उसे पीजीआई भर्ती कराया। हालांकि मामले में अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और बच्चे के परिजनों के बयान दर्ज किए गए हैं।
हाईटेंशन तारों की चपेट में विवेक के अलावा अन्य बच्चे भी चपेट में आ सकते थे। घटना के वक्त कुछ बच्चे विवेक के साथ खेतों से आ रहे थे और दौड़ कर विवेक उनसे आगे निकल आया और वहां से गुजर रही तारों की चपेट में आ गया था। अधिक झुलस जाने की वजह से उसे पीजीआई रोहतक इलाज के लिए लाया गया था।
दादा का सपना कौन करेगा पूरा
25 जुलाई को बच्चे के साथ हुए हादसे को गांव रोहद का किसान कपिल का परिवार कभी नहीं भूल पाएगा। कपिल ने बताया कि सोमवार को उसके बेटे विवेक का आपरेशन हुआ था। परिवार के सदस्यों को उसकी बाजू कटने की जानकारी नहीं दी थी। जब उसकी मां आपरेशन के बाद कमरे में आई तो अपने बेटे का कटा हुआ बाजू देखकर बेहोश तक हो गई थी।
सुमन का कहना है कि आखिर उसके बेटे का क्या कसूर था। वह अपने बेटे को एक बड़ा पहलवान बनाना चाहती थी और उसके दादा का भी यह सपना था कि उसका पोता एक एक मशहूर पहलवान बने लेकिन हादसे ने उनका सपना तोड़ दिया।
हादसे पर दुख जताकर विभाग ने झाड़ा पल्ला
हाई वोल्टेज की तारें इतनी ज्यादा नीचे हैं कि वहां फिर से कोई हादसा हो सकता है। सांपला बिजली घर के अधिकारियों का कहना है कि नहर के साथ मछली पालन के लिए बनाए गए तालाब के लिए डाली गई मिट्टी के कारण तारों की ऊंचाई कम रह गई है, इसलिए हादसा हुआ है।
सांपला बिजली घर के जेई नरेश नांदल का कहना है जो हादसा हुआ है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है और इसका हमें भी दुख है। हादसे वाली जगह पर मिट्टी के ढेर लगे हुए हैं, जिसकी वजह से तारों की ऊंचाई काफी कम हो गई थी और जब बच्चा यहां से गुजरा तो तारों की चपेट में आया है। विभाग की टीम ने संबंधित स्थान का निरीक्षण किया और इस बारे में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, हादसे की जांच भी चल रही है।
महिला की जा चुकी है जान
बिजली विभाग की लापरवाही का खमियाजा ग्रामीण ही नहीं बल्कि शहर के लोग भी भुगत रहे हैं। हाल ही में राजेंद्र कालोनी में एक महिला की हाईटेंशन तारों की चपेट में आने से मौत हो गई थी जबकि 10 से ज्यादा लोग झुलस गए थे। कालोनी वासी इस बारे में कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं लेकिन अभी तक इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया।
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