फरीदाबाद: वक्त सदा एक सा नहीं होता और ये बदलता रहता है। वक्त ने राजा को भिखारी और भिखारी को राजा बनते दिखाया है। इसका एक उदाहरण फरीदाबाद में देखने को मिला जब एक पूर्व अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेटर ने सूरजकुंड क्षेत्र के अनंगपुर के पास रहने वाले युवा भाजपा नेता प्रेमकृष्ण आर्य उर्फ़ पप्पी को रुलाने में कोई कसर नहीं छोड़ा। पप्पी के पिता की समाधि को अपने रुतबे से जमींदोज करवा दिया और एक समय ऐसा भी आया कि क्रिकेटर के रुतबे के आगे फरीदाबाद के लोग उन्हें गलत समझने लगे। जबकि पप्पी सही थे और क्रिकेटर गलत थी। ऐसा क्यू लिख रहा हूँ, खबर लास्ट तक पढ़ें, सूत्रों की मानें तो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा के एक बड़े भाजपा नेता से ताल्लुकात थे और उसी का फायदा उठा क्रिकेटर ने फरीदाबाद के अधिकारीयों को फोन करवा पप्पी के पिता की समाधि को तुड़वा दिया।
उस समय पप्पी खून के आंसूं रोये थे लेकिन वक्त बदला और उनके पिता की समाधि तुड़वाने वाले अधिकारी भी कोर्ट का चक्कर लगाने पर मजबूर हो गए। पूर्व क्रिकेटर के पिता कृष्ण बल चोपड़ा अपनी बेटी की जान पहचान का फायदा उठाते रहे लेकिन ऊपर बता चुका हूँ कि वक्त बदलता रहता है। पप्पी का कहना है कि उस दौरान मुझे पूर्व क्रिकेटर ने हद से ज्यादा परेशान किया था। लेकिन मुझे भगवान् और देश के कानून पर भरोषा था। उनकी बेटी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर थी और उनके पास अथाह पैसे के साथ साथ उनकी जान पहचान भी बड़े लोगों से थी लेकिन मेरे पास सिर्फ भगवान् थे और कानून पर मुझे भरोषा था।
पप्पी ने बताया कि उस दौरान कृष्ण बल चोपड़ा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए मेरे और छोटे भाइयों के ऊपर एक फर्जी मामला दर्ज करवा दिया जिसका एफआईआर नंबर 540 था। चोपड़ा ने बताया था कि इन लोगों ने मुझकर व् मेरे बेटे पर हमला किया था। थाना सूरजकुंड में ये मामला दर्ज हुआ। इस मामले में एसीपी देवेंदर यादव ने केस की जाँच कर पप्पी को निर्दोष साबित किया था लेकिन चोपड़ा ने अपनी पहुँच का फायदा उठा फिर पप्पी का नाम केस में डलवा दिया।
मामला कोर्ट में लगभग चार साल चला और आज दिनांक 7 अगस्त 2019 को माननीय सीजीएम संदीप चौहान की अदालत में पप्पी और अन्य दो लोगों को कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया। पप्पी ने कहा कि इस दुनिया में देर है अंधेर नहीं। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि मुझे देश के कानून और भगवान् पर भरोषा है और आज ये कथन सत्य साबित हुआ।
पप्पी के इस केस की पैरवी कर रहे शहर के जाने माने वकील विजयपाल चपराना ने कहा कि हमेशा सत्य की जीत होती है। सत्य के आगे कोई सिफारिश और पैसे वाले दोनंबरी लोग कभी भी नहीं टिक सकते। उन्होंने कहा कि पप्पी और उनके भाइयों को इस केस में बेवजह फंसाया गया था और उन्हें चार साल परेशान किया गया लेकिन आज सत्य की जीत हुई।
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