चण्डीगढ़, 17 अगस्त- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा है कि आने वाले समय में वे एक नव हरियाणा का निर्माण कर इसे विकसित देशों की तर्ज पर एक मॉडल विकसित राज्य बनाना चाहते हैं ताकि देश व विदेश में हरियाणा की एक अलग पहचान बने। इसके लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ पंचायती राज संस्थानों के जनप्रतिनिधियों का सहयोग भी महत्वूर्ण है क्योंकि वे समाज निर्माण के उत्तरदायित्व को समझते हुए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ व जानकारी गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल आज यहां अपने निवास स्थान पर 7-स्टार इन्द्रधनुष योजना के तहत प्रदेश की 5 व 6-स्टार रेटिंग से सम्मानित 78 पंचायतों के संरपंचों को सम्बोंधित कर रहे थे।
स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाली पंचायतों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि आपने दूसरी पंचायतों के लिए भी एक प्रतियोगी भाव पैदा किया है और निश्चित रूप से आप उनके लिए प्रेरणा बनेंगे। यह प्रतियोगिता कायम रहे इसके लिए समाज सुधार व समाज निर्माण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब 2014 में प्रदेश की सत्ता संभालने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तो उस समय उनके मन में पहले की सरकारों की तुलना में हरियाणा में कुछ अलग करने का भाव पैदा हुआ था और इसी भाव के चलते उन्होंने व्यवस्था परिवर्तन करने के नाते ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से नागरिकों को सरकारी योजनाओं व सेवाओं की जानकारी देने की शुरूआत की थी जिसका दायरा मौजूदा समय में बढक़र 37 विभाग तथा 450 सेवाओं तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि पढ़ी-लिखी पंचायत का मामला भी उनके इसी भाव का परिणाम है। उन्होंने कहा कि अगर नेतृत्व पढ़ा-लिखा है, किसी भी प्रकार का डिफॉल्टर नहीं है, घर में शौचालय है तथा अपराधिक प्रवृति का नहीं है तो निश्चित रूप से वह समाज को एक अच्छा नेतृत्व दे सकता है। यही कारण है कि आज आप सब हरियाणा के लिए नहीं बल्कि दूसरें राज्यों के लिए भी एक उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि अंत्योदय केन्द्र, सरल केन्द्र, अटल सेवा केन्द्र तथा ग्राम सचिवालयों के सांझा सेवा केन्द्रों पर इनकी जानकारी उपलब्ध है। पंचायती राज संस्थानों के जनप्रतिनिधि जड़-मूल स्तर पर इनकी जानकारी गरीब से गरीब व्यक्ति तक आसानी से पहुंचा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि 26 जनवरी, 2018 से आरम्भ की गई 7-स्टार इन्द्रधनुष योजना में आज प्रदेश की कुल पंचायतों में से लगभग 4000 पंचायतें कोई न कोई स्टार रेटिंग प्राप्त करने में सफल रही हैं। यह एक ग्रामीण विकास की नव अवधारणा को प्रतिबिम्बित करता है। किसी भी पंचायत द्वारा 7-स्टार न प्राप्त करने का कारण पूछे जाने पर मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि रेटिंग के मानदंड सख्त हैं और हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी के माध्यम ेेसे भी आंकलन करवाया जाता है। लिंगानुपात सुधार एक कारण रहा है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि 1000 लडक़ों के पीछे 1000 लड़कियों की गणना की बजाय पांच साल में 1000 लड़कियों का आंकड़ा पार या पांच साल का औसतन लिंगानुपात 950 लड़कियां मानकर किया जाए तो बहुत सी पंचायतें 7-स्टार रेटिंग प्राप्त कर लेंगी। मुख्यमंत्री के इस सुझाव पर उपस्थित सरपंचों ने तालियों की गडग़ड़ाहट से मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया और मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि अगली बार हम अवश्य 7-स्टार रेटिंग प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री ने सरकार के चलाए जा रहे कई नये कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी, जिसमें परिवार पहचान पत्र, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, केन्द्र की तर्ज पर मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना, आयुष्मान भारत योजना प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना में जिन परिवारों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये है या पांच एकड़ से कम के जमींदार हैं, उन्हें केन्द्र सरकार की योजना से अलग 6000 रुपये वार्षिक का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों का आह्वïान किया कि वे मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोटर्ल पर किसानों को अपने पूरे रकबे की जानकारी अपलोड करवाने के लिए प्ररित करें, भले ही उसने पूरे रकबे में फसल बोई है या नहीं तथा अगर कुछ रकबा खाली है तो उसकी भी जानकारी अवश्य दें।
विकास एवं पंचायत मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि जब महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में 5 व 6 स्टार रेटिंग तथा रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी व भिवानी की 1 से 4 स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाली पंचायतों को केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा सम्मानित किया गया था तो उस समय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल अपने रूस दौरे पर थे और जब मुख्यमंत्री को इस बारे जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि कम से कम 5 व 6 स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाली पंचायतों से वे अपने चंडीगढ़ स्थित आवास में रूबरू होना चाहते हैं और उन्हें खुशी है कि आज का कार्यक्रम उसी का हिस्सा है।
श्री धनखड़ ने कहा कि उन्हें इस बात का हर्ष हो रहा है कि प्रदेश की 5279 पंचायतों ने 7-स्टार कार्यक्रम के तहत नामांकन किया था जिसमें से 3930 पंचायतों ने स्टार जितने में सफलता प्राप्ते की है। उन्होंने कहा कि पंचायतों ने 84 करोड़ रुपये के पुरुस्कार जीते है। उन्होंने कहा कि पंचायतों ने कुल 8035 स्टार जीते है और हर स्टार पर एक लाख रुपये का पुरूस्कार पंचायतों को देने का प्रावधान है तथा दो स्टार जीतने पर 50 हजार रुपये अतिरिक्त बोनस के रूप में दिये जाते है। अबकी बार कुल 63 प्रतिशत पंचायतों ने पुरूस्कार जीते है। उन्होंने कहा कि 20 पंचायतों को 6-स्टार मिले, 58 पंचायतों को फाइव स्टार मिले है, 270 पंचायतों को 4-स्टार मिले, 794 पंचायतों को 3-स्टार, 1375 पंचायतों को 2-स्टार तथा 1413 पंचायतों को वन-स्टार मिले है।
उन्होंने कहा कि 7-स्टार इन्द्रधनुष योजना की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज प्रदेश में 3604 पंचायतों में स्कूलों से छात्रों की ड्रोप आउट की समस्या खत्म हो गई है।
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