फरीदाबाद: दो साल पहले स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा के उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र ने कहा था कि प्रदेश का ग्रामीण क्षेत्र खुले में शौच की कुप्रथा से मुक्त हो चुका है और 25 सितंबर तक शहरी क्षेत्रों को भी ओडीएफ कर लिया जाएगा लेकिन हरियाणा के अधिकारी झूंठ बोलने में माहिर हैं और प्रदेश का बेडा गर्क हरियाणा के अधिकारी ही कर रहे हैं। ये कहना है बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने दावा किया है कि शहर के सेक्टर 8-10 की बाजार में कोई शौंचालय नहीं है और हजारों दुकानदार परेशान हैं।
वकील पाराशर ने कहा कि बाजार के कई लोगों ने बताया कि आस पास शौंचालय न होने से बाजार के दुकानदार ऑटो पकड़कर दूर जाते हैं और खुले में शौंच करके आते हैं ऐसा उन्हें कई दुकानदारों ने बताया। पाराशर ने कहा कि बाजार में जो सरकारी शौंचालय रखे गए हैं उनमे ताले लगे हैं। दुकानदारों ने बताया कि ये जबसे यहाँ रखे गए तबसे खुले ही नहीं और तालों पर भी जंग लग गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को सरकारी अफसर किस तरह पलीता लगा रहे हैं, इसको देखना हो तो आप इस बाजार में जाएँ। पाराशर ने कहा कि मुझे लगता है कि सम्बंधित विभाग ने कोई बड़ा घोटाला किया है।
पाराशर ने कहा कि ऐसी कई अन्य बाजारें भी हैं जहाँ शौंचालय की कोई सुविधा नहीं है। लाखों रूपये की लागत से बने शौंचालय बंद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में मैं सीएम हरियाणा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखूंगा और मांग करूंगा कि फरीदाबाद के अधिकारियों पर कार्यवाही की जाये जिनके कारण अब भी लोग खुले में शौंच जाने पर मजबूर हैं।
Post A Comment:
0 comments: