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फरीदाबाद में मौत के साये में रह रहे हैं सैकड़ों लोग- एडवोकेट एलएन पाराशर

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फरीदाबाद:  फरीदाबाद में शहर के सौंदर्यकरण और विकास के चलते गरीबों के बर्षों पुराने आशियाने तोडकर उन्हें खंडहर पडे हुए सरकारी फ़्लैट  दे दिये गये हैं, जिसमें रहने वाले गरीब परिवारों के ऊपर  हर वक्त मौत मंडराती रहती है।  सेक्टर-56 में  करीब 10 साल पहले बनाये गये सरकारी आशियाने अब पूरी तरह से खंडहर हो गये हैं दीवरें टूटने लगी हैं तो छतें झडने लगी हैं कभी इस कोने से पलस्तर  टूटता है तो कभी उस कोने से। गरीबों के लिये बनाये गये सपनों के आशियानों में न तो बिजली है और न ही पानी, सीवर जाम होने से बीमारियां फैल रही है, ऐसी सुविधायें देकर सरकार गरीबों से करीब 28 सौ रूपये महीने की किस्त ले रही है जो कि 20 साल तक भरनी होगी। गरीब परिवारों की जिंदगी के साथ खिलवाड करने वाले अधिकारियों के खिलाफ शिकायतकर्ता एल एन पराशर ने प्रधानमत्री, मुख्यमंत्री सहित संबंधित विभागों को पत्र लिखकर अवगत करवाया था मगर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

 समस्याओं से परेशान स्थानीय लोगों ने शनिवार फिर एडवोकेट एलएन पाराशर को मौके पर बुलाया। लोगों ने बताया कि वो मानसून के सीजन में बहुत दुखी हैं और रात में घर में सोते हैं तो लगता है किसी भी वक्त फ़्लैट गिर जायेंगे और उनका परिवार बेमौत मारा जाएगा। लोगों ने बताया कि हल्की आहत से भी वो डर जाते हैं। 
वकील पाराशर ने बताया कि करीब 10 साल पहले बनाये गये आशियाने लोगों को शिफ्ट  न करने की बजह से जर्जर हो चुके हैं। अब इन्हीं खंडहर फलैटों में गरीब परिवार अपनी जान जोखिम में डाल कर रह रहे हैं और जायें भी तो कहां, शहर के सौंदर्यकरण और विकास के चलते गरीबों के बर्षों पुराने आशियाने तोड दिये गये हैं उसके बाद इन परिवारों को ये फ़्लैट दिये गये हैं जिनका हर महीने एक परिवार करीब 28 सौ रूपये किस्त देता है जो कि 20 साल तक देनी होगी, बेशक फलैट 20 साल तक रहें या न रहें मगर किस्त तो भरनी पडेगी।

पाराशर ने कहा कि इन सरकारी आशियानों में रहने वाले परिवारों को मौत के मुंह में ढकेल दिया है, जो फलैट उन्हें रहने के लिये दिये गये हैं वो पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं कभी पलस्तर गिरता है तो कभी छतें टूटती है, वो डर के साये में अपने बच्चों के साथ रहने के लिये मजबूर है कोई भी अधिकारी उनकी सुध लेने के लिये भी नहीं आता। पराशर ने बताया कि यहाँ न बिजली है न पानी है और शौचालय के लिये भी ईधर उधर से पानी का जुगाड करना पडता है। सीवरों से गांदा पानी ओवर हो रहा है गंदगी के चलते बिमारियां फैल रही हैं। ये लोग पूरी तरह से नरकीय जीवन जीने के लिय मजबूर हैं।

पराशर ने कहा कि इस बारे में मैंने चीफ सेक्रेटरी हरियाणा, जिला उपायुक्त फरीदाबाद, नगर निगम आयुक्त फरीदाबाद, हाउंसिग बोर्ड चंडीगढ, हाउंसिग बोर्ड फरीदाबाद और प्रिंसीपल सेके्रटरी हरियाणा सहित सात विभागों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिसका अभी कोई जबाब नहीं मिला है फिर से वह इसकी शिकायत देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल को करेंगे।
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