चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र आज से चंडीगढ़ में शुरू हो रहा है। माना जा रहा है कि कुछ मुद्दों को लेकर विधानसभा में हंगामा हो सकता है। रोडवेज किलोमीटर स्कीम और कई तथाकथित घोटालों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास करेगा लेकिन सरकार के लिए फायदे की बात ये है कि इनेलो के तमाम विधायक भगवा रंग में रंग चुके हैं और एक दर्जन से ज्यादा विधायक इनेलो छोड़ चुके हैं। कांग्रेस की बात करें तो विधानसभा के माॅनसून सत्र से ठीक पहले कांग्रेस की आपसी कलह जोर पकड़ गई है।
पार्टी के 13 विधायकों ने कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद को पत्र लिखकर कहा है कि वे कतई नहीं चाहते कि किरण चौधरी नेता प्रतिपक्ष बनें। किरण ने स्पीकर को जब नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के लिए पत्र लिखा तो किसी विधायक की राय तक नहीं ली गई। इसलिए हमारे में से किसी एक को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए।
पत्र में लिखा गया है कि 2 अगस्त से विधानसभा का माॅनसून सत्र शुरू हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष का पद पहले इनेलो नेता अभय चौटाला के पास था। अब वे इस्तीफा दे चुके हैं और कांग्रेस के पास यह पद आ गया है। ऐसे में विधानसभा सत्र से पहले यह निर्णय लेना चाहिए। इससे पार्टी को फायदा होगा। 28 जुलाई को लिखे गए पत्र काे लेकर फिलहाल कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
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