चंडीगढ़/ फरीदाबाद: शहर के कुछ नेता खबर की हेडिंग पढ़कर सिर खुजला रहे हैं। उन्हें ये खबर बहुत अजीब लग रही होंगे लेकिन नेताओं को मालुम हो कि राजनीति में असंभव कुछ भी नहीं है। हरियाणा में अफवाह है कि 18 अगस्त को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा नई पार्टी बना सकते हैं। कांग्रेस हाईकमान भी इस अफवाह पर नजर रखे हुए है और सूत्रों की मानें तो अब कांग्रेस हाईकमान में खलबली मची हुई है। इसी हाईकमान के कारण हरियाणा में कांग्रेस का बुरा हाल हुआ है। हाईकमान हरियाणा पर ध्यान देता तो लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की बोहनी हो सकती थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा नवीन जिंदल की तरह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें जबरन सोनीपत से मैदान में उतारा गया जिस कारण हुड्डा रोहतक में अपने पुत्र दीपेंद्र के लिए ज्यादा प्रचार नहीं कर सके और हुड्डा के प्रदेश भर के समर्थक भी सोनीपत में लगे रहे और दीपेंद्र सिंह हुड्डा बहुत कम मतों से चुनाव हार गए और उधर उनके पिता भी हार गए और दोनों नेताओं के कद पहले से छोटे हो गए। हुड्डा चुनाव न लड़ते तो रोहतक की सीट कांग्रेस को मिल सकती थी।
अब हरियाणा में हलचल मची है। कहा जा रहा है कि 18 अगस्त की महारैली में हुडा नहीं पार्टी का एलान करेंगे और जल्द हरियाणा में महागठबंधन होगा। ऐसा हुड्डा के करीबी नेता करण सिंह दलाल कह चुके हैं। उन्होंने नई पार्टी के एलान का पत्ता नहीं खोला लेकिन महागठबंधन का इशारा जरूर किया। हरियाणा अब तक को अपने सूत्रों द्वारा जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक़ आम आदमी पार्टी, बसपा इस गठबंधन का हिस्सा होगी और इनेलो से भी संपर्क साधा जा रहा है। महागठबंधन बनता है तो हुड्डा लगभग 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतरेंगे। कहा जा रहा है कि लोकसभा की गलती नहीं दोहराई जाएगी और हुड्डा आम आदमी पार्टी को अपने साथ लेकर चलेंगे। अगर ये गठबंधन होता है और फरीदाबाद की बात करें तो हुड्डा की पार्टी बल्लबगढ़ से शारदा राठौर को मैदान में उतरेगी ऐसे में तंवर के करीबी मनोज अग्रवाल को कांग्रेस की टिकट मिल सकती है।
फरीदाबाद से लखन कुमार सिंगला हुड्डा के करीबी नेता मानें जाते हैं और हुड्डा लखन सिंगला को फरीदाबाद विधानसभा से मैदान में उतार सकते हैं जबकि आनंद कौशिक या सुमित गौड़ कांग्रेस की टिकट पा सकते हैं। पृथला में पूर्व विधायक रघुवीर सिंह तेवतिया भी हुड्डा के खास हैं और वहां से हुड्डा उन्हें टिकट दे सकते हैं। एनआईटी विधानसभा से नीरज शर्मा हुड्डा के उम्मीदवार हो सकते हैं। तिगांव के विधायक ललित नागर भी हुड्डा के करीबी हैं और उन्हें तिगांव से हुड्डा की पार्टी का टिकट मिल सकता है।
अब बचा बड़खल, जहां से पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप शायद ही हुड्डा की पार्टी में शामिल हों। ऐसे में महेंद्र प्रताप कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ सकते हैं। सवाल ये है कि अब यहाँ हुड्डा की तरफ से कौन मैदान में उतरेगा तो संभव है ये सीट आम आदमी पार्टी के खाते में जाये और ऐसा हुआ तो यहाँ से धर्मबीर भड़ाना महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे। क्यू कि ये सीट दिल्ली से जुडी हुई है और धर्मबीर भड़ाना आम आदमी पार्टी के हरियाणा के सबसे मजबूत नेताओं में से एक हैं। ये खबर ऐसे ही नहीं लिखी गई है। कुछ कांग्रेसी नेताओं के सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिली है। वैसे अगर कांग्रेस हाईकमान ने भूपेंद्र हुड्डा के कद को समय से समझ लेगा तो हुड्डा कांग्रेस में भी बने रह सकते हैं। अगर कांग्रेस हाईकमान अपनी ऐंठ दिखायेगा तो जो कुछ ऊपर लिखा गया है 70 फीसदी सच हो सकता है।
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