चण्डीगढ़, 13 अगस्त- सीएम विंडो पर प्राप्त शिकायतों के सही निपटान न करने और काम में लापरवाही बरतने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अधीक्षक नीलम और भगतफूल सिंह राजकीय मेडिकल कॉलेज, खानपुर कलां की अधीक्षक सुरेश कुमारी को सस्पेंड करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा, विभिन्न विभागों के तीन कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस और एक कर्मचारी को रूल-7 के तहत चार्जशीट किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ0 राकेश गुप्ता ने यह निर्देश आज यहां सीएम विंडो के संबंध में नोडल अधिकारियों के साथ हुई बैठक में दिए। डॉ0 राकेश गुप्ता ने नोडल अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि एक वर्ष से पुराने लंबित कुछ मामलों का जल्दी निपटान किया जाए।
बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंतर्गत विभाग की अधीक्षक द्वारा कैंसर मरीज से बिल पास करवाने की एवज में पैसों की मांग करने की एक शिकायत प्राप्त हुई व इस मामले को 2 साल से लंबित रखने के आरोप थे। इस पर संज्ञान लेते हुए विभाग की अधीक्षक नीलम को सस्पेंड करने के निर्देश दिए गए हैं और विभाग को इस मामले में 1 हफते में कार्रवाई करने तथा कैंसर मरीज के पैसे देने के भी निर्देश दिए गए। इसके अलावा भी अधीक्षक पर 6 अन्य मामलों में भी इसी तरह ढील बरतने के कई मामले सामने आए हैं। इस पर विभागीय कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में मेडिकल एजुकेशन विभाग के अंतर्गत सोनीपत से प्राप्त एक शिकायत जिसमें जानकारी सामने आई कि भगतफूल सिंह राजकीय मेडिकल कॉलेज, खानपुर कलां में ब्लड बैंक में 2 क्लर्कों की भर्ती के लिए (स्नातक स्तर की शैक्षणिक योग्यता) राज्य सरकार से मंजूरी ली गई थी। लेकिन कॉलेज की की अधीक्षक सुरेश कुमारी ने 10 क्लर्कों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया और भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता को भी स्नातक से 12वीं कर दिया और अपने रिश्तेदारों को इन पदों पर नियुक्ती करवाई। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए डॉ0 राकेश गुप्ता ने भगतफूल सिंह राजकीय मेडिकल कॉलेज, खानपुर कलां की अधीक्षक सुरेश कुमारी को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं और रूल-7 के तहत चार्जशीट करने के भी निर्देश दिए गए।
बैठक में परिवहन विभाग के अंतर्गत टैक्स चोरी के 2 अलग-अलग मामलों की शिकायत प्राप्त हुई। इन शिकायतों का सही तरीके से निपटान न करने और काम में लापरवाही बरतने पर विभाग के दो अधीक्षकों नामत: वीरेंद्र शर्मा व अनिल रॉय को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में पुलिस विभाग के अंतर्गत एक शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें कुछ कर्मचारियों द्वारा रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ करके ग्राम पंचायत की जमीन को निजी पक्षों के नाम किया गया है। इस मामले में 2 एफआईआर पहले ही दर्ज हो चुकी हैं। आज इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जमीन स्थानांतरण में मिलीभगत को देखते हुए राजस्व विभाग के तहसीलदार को रूल-7 के तहत चार्जशीट करने के निर्देश दिए गए हैं।
विकास एवं पंचायत विभाग के तहत भ्रष्टाचार की एक शिकायत आई जो काफी लंबे समय से एसडीओ, पंचायती राज के पास लंबित है। इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए डॉ0 राकेश गुप्ता ने संबंधित एसडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने और मामले के जल्द निपटान के निर्देश जारी किए हैं।
डॉ. गुप्ता ने सोशल मीडिया पर प्राप्त शिकायतों की भी समीक्षा की और उन विभागों की सराहना की जिन्होंने शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने नोडल अधिकारियों को पिछले साल के कुछ शेष मामलों को 15 दिन के भीतर निपटाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएम विंडो पर जिन विभागों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है, उनके विभागाध्यक्षों की बैठक 28 अगस्त को होगी।
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