नई दिल्ली- कांग्रेस हाईकमान जिस राह पर चल रहा है उसे देख ऐसा नहीं लगता कि अगले दो दशकों तक देश में कांग्रेस की सरकार की सत्ता पर वापसी होगी। कमजोर नेतृत्व के कारण देश के तमाम राज्यों में टुकड़ों में बंटती जा रही है। हरियाणा की बात करें तो यहाँ कांग्रेस चार-पांच टुकड़ों में बंटी दिख रही है और आज पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने परिवर्तन महारैली में इशारा किया कि यही हाल रहा तो वो जल्द कांग्रेस छोड़ देंगे।
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जब सरकार कुछ सही करती है तो मैं उनका समर्थन करता हूं। मेरे कई साथियों ने अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध किया, मेरी पार्टी रास्ते से भटक गई है। यह वह कांग्रेस नहीं है, जो हुआ करती थी। जब बात स्वाभिमान और देशभक्ति की आती है तो मैं किसी पर भी समझौता नहीं कर सकता।उन्होंने जब कहा कि मैं यहां अपनी सारी पाबंदियों से मुक्त होकर आया हूं तब ऐसा लगा कि वो अब हाईकमान के किसी दबाव में काम नहीं करेंगे बल्कि हाईकमान पर दबाव बना रहे हैं।
अब जो बातें सामने आ रही है उसके मुताबिक़ भूपेंद्र सिंह हुड्डा की रैली से पूर्व कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हो चुकी है। ऐसे में कहा जा रहा है कि हो सकता है कि उनकी पार्टी नेतृत्व से नाराजगी दूर हो गई हो और वह कांग्रेस छोड़कर किसी नई राह पकड़ने का इरादा छोड़ दें क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए कम वक्त बचा है, ऐसे में नई राह चुनने में मुश्किल खड़ी होगी। कहा जा रहा है कि हुड्डा आज ही बड़ा एलान कर देते अगर सोनिया गांधी से उनकी मुलाक़ात न हुई होती। आने वाले दो हफ्ते हरियाणा की राजनीति में अहम् होंगे। हुड्डा को कांग्रेस की कमान न सौंपी गई तो वो अफवाहें सच साबित हो सकती हैं जिनमे कहा जा रहा था कि हुड्डा कांग्रेस छोड़ देंगे।
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