चण्डीगढ़, 15 अगस्त- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल 20 अगस्त, 2019 को ज्योतिसर में भगवद् गीता के भाग को दर्शाने वाले मल्टीसेंसरी शो का उद्घाटन करेंगे। इस अनूठे शो में गीता के मूल सिद्धांतों को जीवंत करने के लिए फिल्म, प्रकाश, ध्वनि और पानी के संयोजन का उपयोग किया गया है। यह शो लोगों को इस शाश्वत दर्शन को समझने और आत्मसात करने के लिए प्रेरित करेगा।
उल्लेखनीय है कि बरगद का पेड़ सदियों से करोड़ों लोगों के लिए श्रद्धा का केन्द्र रहा है। यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध की पूर्व संध्या पर अर्जुन को भगवद गीता के रूप में वेदों का ज्ञान दिया था।
हरियाणा सरकार श्रीमद्भगवद् गीता के पवित्र संदेश का पूरी दुनिया में प्रचार-प्रसार करने के लिए प्रयासरत है और इसी कड़ी में पिछले कई वर्षों से कुरुक्षेत्र में हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। इन महोत्सव में भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद तथा पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय श्रीमती सुषमा स्वराज ने भी शिरकत की थी। अभी हाल ही में लंदन में गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया और इसी प्रकार फरवरी, 2019 में भी मॉरिशस में गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया था।
कॉन्सेप्ट, प्रोडक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित पूर्ण रूप से यह शो टीआरएल राइसलैंड द्वारा अपने संस्थापकों, नरसीदास ठकरार, उनकी पत्नी हीरा ठकरार और बड़े बेटे रश्मि ठकरार की स्नेहमयी स्मृति में दान किया गया है।
नरसीदास ठकरार ने युगांडा में कार्य की तलाश मेेंं 18 साल की युवावस्था में गुजरात छोड़ दिया था। लगभग 35 साल बाद, उन्हें और उनके परिवार को ईदी अमीन ने देश से बाहर निकाल दिया और उन्होंने ब्रिटेन में शरण मांगी। उस समय उनके मन में पश्चिमी दुनिया में बासमती की सप्लाई करने का विचार आया और ब्रिटेन में 1980 मेें टिल्डा का जन्म हुआ। नरसीदास अपने वतन लौट आए और अपने बेटों के साथ कुरुक्षेत्र के समाना बाहू में देश का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक राइस प्लांट स्थापित किया। यह उस समय की बात है जब गाँव में कोई टेलीफोन लाइन नहीं होती थी, और एक फोन कॉल करने के लिए 8 किमी पैदल चलकर जाना पड़ता था और लाइन में लगकर प्रतीक्षा करनी पड़ती थी।
नरसीदास और उनके बेटे रश्मि को हरियाणा के स्थानीय चावल उत्पादक किसानों के साथ संपर्क स्थापित करने में कई वर्ष लग गए। उन्होंने इस क्षेत्र में पहली निजी कृषि विस्तार सेवाएं शुरू की और बासमती उत्पादक किसानों को कृषि आय में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
नरसीभाई और रश्मिभाई, व्यक्तिगत रूप से तथा कंपनी के माध्यम से कुरुक्षेत्र शहर के प्रवेश द्वार के विकास और नीलोखेड़ी में विभिन्न कार्यों समेत कई स्थानीय पहलों से जुड़े हुए थे। रश्मिभाई को इस शो का विचार उस समय आया जब वे ‘अपने मित्र कृष्ण से मिलने’ के लिए प्रतीक्षा कर रहे थे। उनके मित्र के लिए भगवद् गीता कैंसर के कारण उनकी माँ, पुत्रवधू की ïमृत्यु और स्वयं कैंसर से पीडि़त होने के बाद प्रेरणा-स्रोत बन गई थी। गीता के शाश्वत दर्शन का प्रचार करना उनकी अंतिम इच्छा थी ताकि अन्य लोगों को भी वही आध्यात्मिक समाधान मिल सके जो उन्होंने स्वयं इससे प्राप्त किया था। यह उसी दिशा में एक छोटा सा कदम है।
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, पूर्व मुख्य सचिव श्री डी.एस.ढेसी, कुरुक्षेत्र के उपायुक्त श्री एस.एस. फुलिया और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी श्री संयम गर्ग का इस शो में विशेष योगदान रहा है।
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