फरीदाबाद: देश के हर कोने के लोग आपको फरीदाबाद में दिख जायेंगे। शहर के अंदर एक बड़ी खासियत है कि यहाँ जो कोई भी आता है अधिकतर यहीं का होकर रह जाता है। कोई अधिकारी किसी अन्य जिले से यहाँ आता है और कुछ दिन रहने के बाद अधिकारी को अपने परिवार के कमी महसूस नहीं होती। यहाँ के लोग उस अधिकारी को इतना प्यार देते हैं कि तमाम अधिकारी यहीं घर बनाकर रहना चाहते हैं और तमाम अधिकारियों ने बना भी लिए हैं लेकिन कुछ वर्षों से इस जिले को किसी की नजर लग सी गई है। फरीदाबाद पहले वाला फरीदाबाद नहीं रहा। पहले जैसी शान्ति शहर में अब नहीं रही। लोग खुद को सुरक्षित मान कर नहीं चल रहे हैं। दहशत का माहौल रहने लगा है। कल सुबह शहर में जो कुछ हुआ उसके बाद कई सवाल खड़े हुए कि जब एक आईपीएस अधिकारी को उसके महकमे के एक अधिकारी ने इतना परेशान कर दिया कि आईपीएस अधिकारी ने आत्महत्या कर ली तो आम जनता का क्या हाल होगा।
डीसीपी विक्रम कपूर की आत्महत्या के कारणों का पुलिस अभी तक कोई खुलासा नहीं कर सकी है। शायद लगता है कि बड़ी फजीहत हो सकती है क्यू कि कपूर की आत्महत्या का जिम्मेदार पुलिस विभाग का एक इंस्पेक्टर ही है। डीसीपी ने अंग्रेजी सूइसाइड नोट लिखा था और नोट की पहली लाइन है ..आईएम डूइंग दिस ड्यू टु अब्दुल। फिर आगे लिखा है कि अब्दुल इंस्पेक्टर - ही वॉज ब्लैकमेलिंग। इस नोट का जिक्र डीसीपी के बेटे ने पुलिस दी शिकायत में किया है। डीसीपी के बेटे अर्जुन कपूर ने शिकायत में कहा कि उनके पिता को पिछले डेढ़ महीने से अब्दुल शहीद, एसएचओ व सतीश मलिक मानसिक तौर पर तंग कर रहे थे। दोनों आरोपी कोई झूठा इल्जाम लगा रहे थे, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पाए। पुलिस ने सेक्टर-31 थाने में आत्महत्या के लिए मजबूर करने व कुछ लोगों के शामिल होकर ऐसा करने की धाराओं में केस दर्ज किया है।
इस ब्लैकमेल को लेकर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा जा रहा है, लेकिन कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसा ही कयास मुजेसर थाने में दर्ज मारपीट केस की जांच का है। इसमें इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद के भांजे का नाम था। सूत्रों की मानें तो डीसीपी एनआईटी ऑफिस में यह फाइल मंगाकर इंस्पेक्टर के भांजे का नाम हटा दिया गया। इसके खिलाफ एक हेड कॉन्स्टेबल ने सीपी को शिकायत दी। इसके बाद एसआईटी जांच होने पर फिर से आरोपी का नाम केस में शामिल हुआ। केस नवंबर 2018 में दर्ज हुआ था।
पुलिस ने एटीएम हैंग कर लोगों के रुपये निकालने वाले तीन बदमाश पलवल के घाघोट निवासी इरशाद व तीन के खिलाफ दर्ज किया। इसके बाद यह बात सामने आई कि कार चला रहा युवक इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद का भांजा था। सूत्रों की मानें तो इसके बाद अब्दुल शहीद ने डीसीपी ऑफिस के चक्कर काटने लगा। इसी मामले में कुछ रिकॉर्डिंग आदि की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि इंस्पेक्टर अब्दुल ने डीसीपी से बातचीत की रिकार्डिंग कर ली थी। भूपानी थाना प्रभारी अब्दुल शहीद व सतीश उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था। कहा जा रहा है कि मंगलवार रात या बुधवार सुबह कॉल या मेसेज से ब्लैकमेलिंग की धमकी दी गई। जिसके बाद कल उन्होंने अपनी जीवन लेना समाप्त कर ली। फिलहाल दोनों पुलिस हिरासत में हैं। आज पुलिस कोई खुलासा कर सकती है।
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