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5566 करोड़ रुपये की लागत से सोनीपत से जुड़ेगा पलवल , बिछाई जाएगी रेल लाइन

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चंडीगढ़ 17  जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना के तहत 5566 करोड़ रुपये की लागत से पलवल को सोनीपत से जोडऩे के लिए एक नई रेल परियोजना लागू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। 
मंत्रिमण्डल द्वारा एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवैस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) से ईएपी लोन के रूप में 2800 करोड़ रुपये समेत 3340 करोड़ रुपये के ऋण हिस्से को भी मंजूरी प्रदान की गई। बैठक में हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन / भारत सरकार  के साथ परामर्श के दौरान होने वाले किसी भी परिवर्तन या संशोधन अथवा हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों या वाधाओं के लिए भी मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।

निर्माण के दौरान ट्रांजिट ओरियंटिड डेवलपमेंट (टीओडी) से 795 करोड़ रुपये का  अग्रिम राजस्व मानते हुए, शुद्ध लागत 4771 करोड़ रुपये अनुमानित है। इसमें से 70 प्रतिशत अर्थात 3340 करोड़ रुपये ऋण तथा 30 प्रतिशत अर्थात 1431 करोड़ रुपये इक्विटी होगी।  कुल इक्विटी में से एचआरआईडीसी का इक्विटी शेयर 644 करोड़ रुपये, एचएसआईआईडीसी का 215 करोड़ रुपये, जीएमडीए का 71.5 करोड़ रुपये और निजी क्षेत्रों (मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, ऑल कार्गो तथा जेएम बैक्सी ग्रुप समेत) का इक्विटी शेयर 500.5 करोड़ रुपये होगा। 
एचआरआईडीसी की इक्विटी में से 315.56 करोड़ रुपये की इक्विटी भारतीय रेलवे द्वारा 328.44 करोड़ रुपये की इक्विटी राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। 
पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना को हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है जो कि रेल मंत्रालय और राज्य सरकार का एक संयुक्त उद्यम है। परियोजना की कुल लंबाई 121.742 किलोमीटर है और निर्माण के दौरान भूमि अधिग्रहण और ब्याज सहित कुल परियोजना लागत 5,566 करोड़ रुपये है। इस पर 14 नए स्टेशनों और तीन मौजूदा स्टेशनों सहित 17 स्टेशन, 23 प्रमुख जलमार्ग पुल, 195 लघु जलमार्ग पुल और तीन रेल फ्लाईओवर होंगे। इसके अलावा, इस पर दो रोड ओवर ब्रिज और 153 रोड अंडर ब्रिज होंगे।

यह रेल कॉरिडोर इस मार्ग पर यात्री ट्रेनों को चलाना सक्षम बनाएगा जो दिल्ली को बाईपास करते हुए गुरुग्राम क्षेत्र को सीधे राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से जोड़ेगा और इससे  यात्रा में समय भी कम लगेगा।  साथ ही, यह दिल्ली को बाईपास करते हुए इस मार्ग पर शताब्दी सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों को चलाने में सक्षम बनाएगा ताकि राज्य के लोगों को तेज, विश्वसनीय, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुविधा प्रदान की जा सके। इसके अलावा, इस परियोजना से गुरुग्राम या फरीदाबाद से राज्य के विभिन्न भागों के लिए ट्रेन चलाने की सुविधा होगी।
यह परियोजना दिल्ली न जाने वाले माल वाहनों के लिए मार्ग परिवर्तन की सुविधा भी प्रदान करेगी और हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में मल्टीमॉडल हब विकसित करने में मदद करेगी। इससे राज्य के असेवित (अनसर्वड) क्षेत्र खुलेेंगे, जिससे राज्य की आर्थिक और सामाजिक गतिविधि बढ़ेगी।
यह परियोजना आदर्श रूप से वाणिज्यिक वित्त पोषण मॉडल के अनुकूल है। इस परियोजना के प्रति प्रमुख सरकारी हितधारकों और परियोजना क्षेत्र के प्रमुख उद्योगों ने गहरी रुचि दिखाई है। हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम और गुरुग्राम के स्थानीय शासी निकाय, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण ने हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना में इक्विटी शेयरधारकों के रूप में भाग लेने की पुष्टि की है। मारुति सुजुकी, ऑल कार्गो लॉजिस्टिक्स और जेएम बैक्सी ग्रुप जैसी निजी कंपनियों ने भी इक्विटी योगदान के साथ परियोजना में अपनी रुचि व्यक्त की है। 
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