चंडीगढ़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में वर्ष 2019-20 की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए गए निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह इस बात का परिचायक है कि सरकार वास्तव में किसान हितैषी सरकार है और किसान हित उसकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
कैबिनेट कमेटी के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के बाजरा, कपास, धान, सूरजमुखी, मक्का व अरहर की फसल बोने वाले किसानों को विशेष लाभ होगा, जो प्रदेश की खरीफ की मुख्य फसलें हैं।
उन्होंने कहा कि बाजरे के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपये प्रति क्विंटल, धान में 65 रुपये प्रति क्विंटल, कपास के मूल्य में 100-105 रुपये प्रति क्विंटल, सूरजमुखी के मूल्य में 262 रुपये प्रति क्विंटल, मक्का के मूल्य में 60 रुपये प्रति क्विंटल तथा अरहर में 125 रुपये प्रति क्विंटल तथा मूंग के मूल्य में 75 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ौतरी होगी। उन्होंने कहा कि यह सरकार निश्चित रूप से ऐसी सरकार है जो अपने किसानों का ख्याल रखती है। इस समर्थन मूल्य पर कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार के बढ़ाए खरीफ न्यूनतम समर्थन मूल्य को ऊंट के मुंह में जीरा, किसानों के साथ मजाक किया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट किया है जिसमे उन्होंने लिखा है कि ख़रीफ़ फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) में बढ़ोतरी है ‘ऊँट के मुँह में ज़ीरा’⬇️
ज्वार- 4.9%,
धान - 3.7%
बाजरा- 2.5%,
तुर - 2.2%
कपास- 2.0%
उड़द- 1.7%
मूंग- 1.0 %
भाजपा ने अकाल की मार सह रहे किसान का उड़ाया मज़ाक़।
क्या 2022 तक आय दुगनी ऐसे होगी?
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