फरीदाबाद: युवा वकीलों को जज बनाने के लिए फरीदाबाद की अदालत में इस साल भी निःशुल्क कोचिंग दी जाएगी और एक अगस्त से शहर के युवा वकील फिर निःशुल्क कोचिंग ले सकेंगे। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पराशर का जिन्होंने बताया कि गत वर्ष शुरू किये गए निःशुल्क कोचिंग सेंटर में जिले के लगभग 120 वकीलों ने इस सुविधा का लाभ उठाया था। उन्होंने बताया कि अगस्त से शुरू होने वाली कक्षाएं हफ्ते में दो दिन चलेंगी और बंगलौर के क्राइस्ट यूनिवर्सिटी के डीन रह चुके सतेंद्र सिंह सहित कई पूर्व जज और वरिष्ठ वकील फिर युवाओं को कोचिंग देंगे।
वकील पाराशर ने बताया कि इस बार 50-50 वकीलों के तीन बैच होंगे और प्रयास किया जाएगा कि ज्यादा से ज्यादा युवा वकील इस सुविधा का लाभ ले सकें। पराशर ने कहा कि शुक्रवार दोपहर एक बजे युवा वकीलों को फिर मुफ्त में किताबें दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस बार जो किताब बांटी जाएगी वो बहुत ख़ास होगी क्यू कि इस किताब में 11 000 प्रश्न दीवानी, फौजदारी के साथ साथ डाक्टर से जुड़े हैं जो गवाहों को क्रास करने में युवा वकीलों के लिए काम आएंगे। ये प्रश्न युवा वकीलों के गवाही करवाने में बहुत ही अहम् भूमिका निभाएंगे और युवा वकील उत्साहित होकर अपने केस में गवाही करवा सकेंगे। और उन्हें कोर्ट में घबराहट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पाराशर ने कहा कि शहर में तमाम ऐसे युवा वकील हैं जो गरीब परिवार से जुड़े हैं और किसी सेंटर में ट्रेनिंग नहीं ले सकते क्यू कि उनकी आर्थिक हालत सेंटर में फीस भरने लायक नहीं है। यहाँ तक कि वो मंहगी किताबें भी नहीं खरीद पाते हैं इसलिए ऐसे युवा वकीलों के लिए उन्होंने ट्रेनिंग के साथ-साथ किताबें देने का फैसला लिया। वकील पाराशर ने बताया कि वो अब तक 6 बार वकीलों को कानूनी किताबें बाँट चुके हैं और ये अभियान आगे भी जारी रहेगा। पाराशर ने कहा कि शुक्रवार 300 युवा वकीलों को किताबें दी जाएंगी। किताब का नाम क्रास एक्जामिनेशन आफ विटनेस, सिविल क्रिमिनल एंड मेडिकल एक्जामिनेशन है। उन्होंने बताया कि साथ में पोस्को ऐक्ट की एक लेटेस्ट किताब भी दी जाएगी।
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