फरीदाबाद: शहर की तहसीलों में अब भी बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है और अब भी तहसीलदार पैसे लेकर गलत तरीके से रजिस्ट्रियां कर रहे हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने कहा कि तहसीलों में नहीं रुक रहे भ्रष्टाचार को देख मैंने अब हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है और मांग की है कि 2015 के बाद फरीदाबाद की तहसीलों में जितनी भी रजिस्ट्रियां गलत तरीके से हुई हैं उसकी जांच करवाई जाए। जिन अधिकारियों ने ये गड़बड़झाला किया है उन्हें सस्पेंड किया जाए।
पाराशर ने कहा कि लगभग एक साल से मैं तहसीलों में चल रहे भ्रष्टाचार का मुद्द्दा उठा रहा हूँ और तहसीलदारों के द्वारा जिए जाने वाले भ्रष्टाचार के कई सबूत भी दे चुका हूँ और यहाँ तक कि कुछ तहसीलदारों पर एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है तब भी तहसीलों में भ्रष्टाचार नहीं रुक रहा है।
पाराशर ने कहा कि एक-एक स्टैम्प से कई-कई रजिस्ट्री, फर्जी जीपीए से रजिस्ट्री, 50 रूपये के स्टाम्प को 3 लाख 30 हजार बनाकर रजिस्ट्री जैसे कई तरह के भ्रष्टाचार शहर के तहसीलदारों ने किया है और अब भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोटा माल मिल जाता है तो तहसीलदार रजिस्ट्रियों पर हस्ताक्षर करना भी भूल जाते हैं जिसका खुलासा मैंने हाल में किया था।
पाराशर ने कहा कि मैंने हाईकोर्ट में जो याचिका फ़ाइल की है उसमे नगर निगम कमिश्नर, जिला अधिकारी और वित्त विभाग के सचिव को पार्टी बनाया गया है। पाराशर ने कहा कि तहसीलदारों ने निगम की जमीनों पर भी रजिस्ट्रियां की हैं और नियम अधिकारी सिर्फ बयान तक सीमित रहते हैं और तहसीलदारों पर एफआईआर नहीं दर्ज करवाते जिससे लगता है कि वो भी भ्रष्ट तहसीलदारों से मिले हुए हैं।
उन्होंने कहा कि फरीदाबाद के तहसीलदार रोजाना सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं और कई विभागों के अधिकारी चुपचाप तमाशा देख रहे हैं और इन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है इसलिए मैंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि 2015 से अब तक एक दो नहीं सैकड़ों फर्जी रजिस्ट्रियां हुईं हैं और अगर ठीक से जांच करवाई जाए तो तहसीलदार सहित निगम के कई भ्रष्ट अधिकारी बेनकाब हो जायेंगे।
Post A Comment:
0 comments: