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बजट से मिलेगा ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा: विपुल गोयल

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चंडीगढ़, 5 जुलाई- हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री विपुल गोयल ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2019-20 के बजट को उद्योग एवं वाणिज्य क्षेत्र के लिए समग्र विकास करने वाला बताया। 
उन्होंने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बजट को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की वर्ष 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की परिकल्पना को हासिल करने के रास्ते पर चलने वाला बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट से जहां बड़े उद्योगपतियों के लिए व्यवसाय करना आसान होगा वहीं एमसएमई से जुड़े एंटरप्रोन्योर बजट की नीतियों से प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि यह देश की आकांक्षाओं व आशाओं की पूर्ति करने वाला बजट है। 
केबिनेट मंत्री  गोयल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में 55 वर्ष लगे और पिछले 5 वर्ष में करीब 2.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने के लिए सरकार ने एक ट्रिलियन डॉलर जोड़े हैं। भारत अब विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि 5 वर्ष पूर्व यह 11वें स्थान पर था। उन्होंने कहा कि इस बजट से उन्नत प्रौद्योगिकी वाले उदीयमान उद्योगों और स्टार्ट-अप्स में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान बजट में आर्थिक विकास के साथ-साथ ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष योजना का शुभारंभ किया जाएगा जिसके तहत सेमी-कंडक्टर फैब्रिकेशन (एफएबी), सोलर फोटो वोल्टिक सेल, लिथियम स्टोरेज बैटरियों, सोलर इलेक्ट्रिक चार्जिंग बुनियादी ढांचागत सुविधाओं, लैपटॉप  और कम्प्यूटर सर्वर जैसे उदीयमान एवं उन्नत प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्रों में बड़े विनिर्माण संयंत्रों की स्थापना के लिए एक पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिए वैश्विक कंपनियों को आंमत्रित किया जाएगा। 

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने कहा कि बजट में जो सीमा शुल्क लगाए गए हैं उनसे जहां ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा वहीं आयात पर निर्भरता कम होगी तथा एमएसएमई सेक्टर को संरक्षण मिलेगा। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र के लिए शुरू की गई उस योजना का स्वागत किया जिसमें एमएसएमई की ऋण तक सुगम पहुंच उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से 59 मिनट के भीतर 1 करोड़ रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराने की योजना शुरू की है। ब्याज माफी योजना के तहत समस्त जीएसटी पंजीकृत एमएसएमई के लिए नए अथवा पुराने ऋणों पर दो प्रतिशत की ब्याज माफी हेतु वर्ष 2019-20 के लिए 350 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

श्री गोयल ने कहा कि नए बजट के अनुसार केंद्र सरकार एमएसएमई के लिए एक भुगतान प्लेटफॉर्म का सृजन करेगी ताकि बिल प्रस्तुत करने और उसके भुगतान का कार्य एक ही प्लेटफॉर्म पर किया जा सके। उन्होंने इस बजट को सर्वहितकारी बताते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का धन्यवाद किया।
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