चंडीगढ़: मोदी हैं तो मुमकिन है और लगभग तीन महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में हरियाणा में भाजपा की सरकार बन सकती है और भाजपा को बहुमत मिल सकता है क्यू कि मोदी हैं तो मुमकिन है कि भाजपा 60 से ज्यादा सीटें आराम से जीत ले और कांग्रेस में ऐसे गुटबाजी चलती रही और इनेलो के दादा और जजपा का पोता आपस में लड़ते रहे तो 70 प्लस भी संभव है और वर्तमान में हरियाणा में जो हालात हैं उसे देखकर लगता है कि भाजपा का मिशन 75 का नारा गलत है। भाजपा नेताओं को पूरी की पूरी 90 सीटें जीतने का दावा करना चाहिए और ऐसा संभव भी हो सकता है क्यू कि मोदी हैं तो सब मुमकिन है वरना सच तो ये है कि हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ऐसा कोई चमत्कार नहीं किया है कि भाजपा को इस बार पिछले बार जितनी भी सीटें मिलें। प्रदेश में शिक्षा माफियाओं की बल्ले-बल्ले है। हर साल शिक्षा माफिया स्कूलों की फीस हद से ज्यादा बढ़ा रहे हैं। इंसान के दो हाँथ होते हैं लेकिन शिक्षा माफियाओं ने लूट के लिए चार हाँथ?
मध्यम वर्ग के लोगों की सारी कमाई शिक्षा माफियाओं के हाँथ में जा रही है। सरकारी स्कूलों की हालत अब भी बदतर है। लंदन भ्रमण करने हेतु गए शिक्षा मंत्री शर्मा लाख दावे करें लेकिन उनके दावे प्रेस नोट तक सीमित हैं या अख़बारों तक सीमित है।
मुख्य्मंत्री मनोहर लाल भोले भाले हैं। अधिकारी जो कहते हैं वही सच मान लेते हैं जबकि सच तो ये है कि अब 500 लेने वाला 2000 लेने लगा है। पहले हजार का नोट चलता था और 500 से काम नहीं बनता था तो 1000 रूपये मांगे जाते थे लेकिन अब या तो पांच सौ या 2000? बड़ा काम हो तो इससे सैकड़ों गुणा?
बात करते हैं हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री की तो अनिल विज आसमानी दावे करते हैं और ट्वीट मंत्री कहे जाते हैं। हाल में हमें उस समय बड़ा झटका लगा जब पता चला कि प्रदेश के तमाम गरीब जानते ही नहीं हैं कि आयुष्मान भारत योजना क्या बला है। ये किसी चिड़िया का नाम है या किसी पार्क या किसी सड़क का?
पीएम की सबसे बड़ी योजना का लाभ हरियाणा के जरूरतमंद गरीब अब भी नहीं उठा पा रहे हैं। उन्हें इस योजना की जानकारी ही नहीं है। अनिल विज ट्वीट मंत्री? और गरीब ट्विटर पर नहीं रहते।
हरियाणा के फरीदाबाद में एक मेडिकल कालेज बना है जो कर्मचारियों के लिए है और लगभग 800 करोड़ की लागत से बने 510 बेड के इस अस्पताल में अगर किसी कर्मचारी को तेज जुकाम है तो उसे पार्क या किसी अन्य अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। कहने का मतलब यहाँ जुकाम का भी इलाज नहीं हो पाता जो बीमारी पांच दिन में अपने आप चली जाती है।
हरियाणा के फरीदाबाद जिले की जनसँख्या 20 लाख से ज्यादा है और यहाँ एक बड़ा सरकारी अस्पताल है जिसे पहले बीके अस्पताल कहा जाता था खट्टर सरकार ने बीके हटा इसे सिविल अस्पताल कर दिया। इस अस्पताल की बात करें तो ये अस्पताल खुद ही बीमार है। शहर में कोई बड़ा हादसा हो जाए तो हादसे के शिकार लोगों का राम ही मालिक है क्यू कि इस कबाड़ा अस्पताल में कई महीनों से एक पट्टी भी नहीं रहती है। चोट वगैरा लगने पर पट्टी मेडिकल स्टोरों से मंगाई जाती है। दिन में लोग पास के मेडिकल स्टोर से पट्टी खरीद लाते हैं लेकिन रात्रि में किसी को चोट लगती है तो खून बहता ही रहता है और रात्रि में कौन सा मेडिकल स्टोर खुला है लोग तलाश करते रहते हैं। बहुत बुरा हाल है हरियाणा में शिक्षा और स्वास्थ्य का। लेकिन मोदी हैं तो मुमकिन है। प्रदेश में फिर भाजपा की सरकार बन सकती है।
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