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हरियाणा के 19 जिलों के 81 खंडों और 52 एमसी क्षेत्र में भूजल स्तर की स्थिति काफी चिंताजनक

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कुरुक्षेत्र 11 जुलाई राकेश शर्मा: हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि जल शक्ति अभियान के तहत प्रदेश भर में खाली पड़ी पंचायती जमीन पर 30 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मनरेगा के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में 500 पौधे लगाए जांएगे और पंचायती राज विभाग की तरफ से प्रदेश में मनरेगा के तहत 200 फार्म पौंड भी विकसित किए जाएंगे। इस अभियान के लिए सभी विभागों के अधिकारियों को कुछ ना कुछ टारगेट दिए गए है ताकि हरियाणा प्रदेश में पानी की एक-एक बंूद को बचाया जा सके और लोगों को इस विषय पर जागरुक किया जा सके।

मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा जल शक्ति अभियान के तहत वीरवार को चंडीगढ़ से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश के 19 जिलों के 81 खंडों और 52 एमसी क्षेत्र में भूजल स्तर की स्थिति काफी चिंताजनक है और जल शक्ति अभियान के तहत पानी की एक-एक बंूद को बचाना है और बरसात से गिरते भूजल स्तर को रिर्चाज करना है। इस अभियान में कृषि विभाग, पंचायती विभाग, जन स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग, नगर निगम, जिला योजनाकार विभाग, सूचना जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग, सिंचाई विभाग सहित अन्य विभाग मिलकर एक टीम के रुप में काम करेंगे और जल शक्ति अभियान के प्रति प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को साथ जोड़ेंगे। इस अभियान के साथ हिसार कृषि विश्वविद्यालय को भी साथ जोड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि कृषि विभाग की तरफ से पूरे प्रदेश में कम से कम 100 खराब बोरवैल का निर्माण करेंगे और एक हजार छतों के पानी से भूजल स्तर को रिर्चाज करने के लिए स्ट्रक्चर तैयार करेंगे। पंचायत विभाग की तरफ से प्रदेश में 1 लाख 50 हजार सोखना पीटस बनाए जाएंगे और वन विभाग की मदद से मनरेगा के तहत पंचायत की खाली जमीन पर 30 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इस लक्ष्य के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में 500 पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश में मनरेगा के तहत 200 फार्म पौंड बनाए जाएंगे और 600 से ज्यादा पानी संचयन के लिए स्ट्रक्चर तैयार किए जाएंगे। इसी तरह सभी विभागों को विभागानुसार कुछ टारगेट दिए गए है, सभी का एक ही लक्ष्य है जल शक्ति अभियान के तहत पानी को बचाए और पानी का सदुपयोग करने के प्रति जागरुक करे।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में और राज्यस्तर पर जल शक्ति अभियान के तहत एक्शन प्लान के तहत काम करना शुरु कर दिया है। इस अभियान के दौरान सभी अधिकारी सही आंकड़े भी एकत्रित करना सुनिश्चित करेंगे। जल शक्ति अभियान को मनरेगा के साथ भी जोड़ कर काम किया जाएगा। इस अभियान के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को बड़ी जिम्मेवारी सौंपी गई है और जल शक्ति अभियान के दौरान 5 बिंदूओं पर मुख्य फोकस रखा जाएगा, जिनमें पानी का सरंक्षण और बरसात के पानी का सरंक्षण, परम्परागत जल संसाधनों व तालाबों का जीर्णोद्घार, पानी रिर्चाज के लिए बोरवेल का दोबारा उपयोग करना, वाटर शैड को विकसित करना और इंटेंसिव अफोरस्टेशन शामिल है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में जल शक्ति अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए शहर की समाज सेवी संस्थाओं के साथ-साथ एनजीओ को भी साथ जोड़ा जाएगा, इतना ही नहीं एनसीसी, एनएसएस, रैडक्रास, सेल्फ हेल्प ग्रुप, स्वच्छता ग्रहियों, स्कूलों, आंगनवाड़ी केन्द्रों, नेहरु युवा केन्द्र, पंचायती राज संस्थाए, कृषि विज्ञान केन्द्र जैसी संस्थाओं के माध्यम से भी लोगों को पानी बचाने का संदेश दिया जाएगा। इन संस्थाओं के माध्यम से लोगों तक बात पहुंचाई जाएगी, अगर आज पानी नहीं बचाया तो कल का भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा। इस मौके पर उपायुक्त डा. एसएस फुलिया, एडीसी पार्थ गुप्ता, एसडीएम संयम गर्ग, एसडीएम अनिल यादव, डिप्टी सीईओ शंकर गोयल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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