चंडीगढ़ 16 जुलाई- हरियाणा सरकार ने हरियाणा मृत सरकारी कर्मचारी के आश्रितों को अनुकंपा सहायता (संशोधन) नियम, 2014 में ढील देकर ईएसआई धर्मबीर के पुत्र श्री विकास को कांस्टेबल के पद पर नौकरी देने का निर्णय लिया है। इस आशय का एक निर्णय हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
ईएसआई धर्मबीर को ड्यूटी के दौरान सिर में गोली लग गई थी और वह अब तक बेहोश और गंभीर स्थिति में है। उसके उपचार पर पहले ही लगभग 20 लाख रुपये की बड़ी राशि खर्च की जा चुकी है, लेकिन उसकी स्थिति गंभीर है और उसके बचने की उम्मीद बहुत कम है। हालांकि, उसके इलाज के लिए हरियाणा पुलिस कल्याण कोष से 5 लाख रुपये की राशि और मेडिकल प्रतिपूर्ति के तहत अन्य राशि मंजूर की गई है लेकिन परिवार की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वह ईएसआई धर्मबीर के इलाज का खर्च वहन कर सके।
8 सितंबर, 2017 को उप-मंडलीय न्यायिक मजिस्ट्रेट, महेन्द्रगढ़ (नारनौल) की अदालत के समक्ष अभियुक्तों को पेश करने के लिए ईएसआई धर्मबीर और सात अन्य पुलिस कर्मचारियों से युक्त एक पुलिस एस्कॉर्ट पार्टी को तैनात किया गया था। आरोपियों ने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की और पुलिस एस्कॉर्ट पार्टी के बेहतरीन प्रयासों के बावजूद भागने में सफल रहे। इस बीच, पांच अपराधी हथियारों के साथ आए और पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं और आरोपी को पुलिस की गिरफ्त से निकाल कर ले गए। इस हमले में, ईएसआई धर्मबीर और दो अन्य पुलिस कर्मचारी गोली लगने से घायल हो गए। ईएसआई के सिर में गोली लगी थी और वह अभी भी बेहोश और गंभीर हालत में है।
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