चंडीगढ़: हरियाणा के 90 विधानसभा में से लगभग दो दर्जन विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत विपक्ष का अभाव है। इनमे से कई सीटें ऐसी हैं जहाँ से विपक्षी पार्टियों की टिकट के दावेदार ही नहीं दिख रहे हैं। जहाँ मजबूत विपक्ष नहीं है वहाँ अंदरखाने से भाजपा के कुछ नेता ही विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं और टिकट के मजबूत दावेदारों या वर्तमान विधायकों की टिकट कटवाने का हर प्रयास कर रहे हैं ताकि किसी तरह उन्हें या उनके किसी खास को भाजपा की टिकट मिल जाए। ऐसा इसलिए हो रहा है क्यू कि हरियाणा की बड़ी पार्टी रही इनलो का अब तक का सबसे बुरा दौर चल रहा है और कांग्रेस में भी कुछ ठीक अब भी नहीं चल रहा है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आलाकमान के किसी भी आदेश का इन्तजार न कर अब हुंकार भर चुके हैं।
सूत्रों की मानें तो अगर कांग्रेस हाईकमान हुड्डा के किसी फैसले के खिलाफ जाता है तो हुड्डा भजन लाल और बंसीलाल की राह पर चल सकते हैं और अलग पार्टी भी बना सकते हैं। अगर हुड्डा ने ऐसा किया और अपने विधायकों संग कांग्रेस को अलविदा कहा तो कांग्रेस की हरियाणा में और ज्यादा दुर्गति हो जाएगी क्यू कि हरियाणा में वर्तमान में हुड्डा कांग्रेस के सबसे बड़े नेता मानें जाते हैं।
भाजपा की बात करें तो भाजपा युद्ध स्तर पर चुनावों की तैयारी कर चुकी है। हाल में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रोहतक में एक कार्यक्रम में भाग लिया और भाजपा कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए और अब सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि नड्डा ने शाह को जो फीडबैक दिया है उसके मुताबिक़ कई भाजपा विधायकों की टिकट पर कैंची चल सकती है। भाजपा मिशन 75 के लिए हर बड़ा कदम उठा सकती है। नड्डा ने साफ संकेत दिए कि अच्छी छवि नहीं रखने वाले विधायकों की जगह पार्टी नए उम्मीदवार उतारने में भी गुरेज नहीं करेगी। इससे कई हलकों में नए चेहरे उतरने तय हैं। कई खब्बू और कामचोर विधायकों के टिकट कट सकती है। आरएसएस के सर्वे में कुछ मालाखोर विधायकों के कामकाज को अच्छा नहीं बताया गया है।
अगस्त में भाजपा पूरी तरह से चुनावी मूड में दिखेगी। अगस्त में ही अमित शाह का जींद व हिसार में कार्यक्रम तय है, जबकि प्रधानमंत्री सितंबर के दूृसरे सप्ताह में रोहतक में आयोजित होने वाली विजय संकल्प रैली में शिरकत करेंगे।
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