फरीदाबाद: लगभग तीन महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अब शहर में तमाम प्रत्याशियों का जन्म होगा और पौने पांच साल से इधर-उधर का काम करने वाले कई लोग भी अपने नाम के आगे समाजसेवी लगाएंगे और शहर के खम्भों पर दिखेंगे। हरियाणा में सत्ताधारी भाजपा की टिकट के दावेदार दिन प्रतिदिन बढ़ते चले जा रहे हैं और अभी तो कई दावेदार जन्म भी लेंगे और खुद को बड़ा वाला समाजसेवी बताएँगे जबकि पौने पांच साल उन्होंने किसी भिखारी को एक रूपये भी शायद ही दिए हों?
फरीदाबाद जिले में 6 विधानसभा सीटें आतीं हैं। पृथला में भाजपा की टिकट के दावेदारों की बात करें तो वहां से वर्तमान विधायक टेकचंद शर्मा जिन्होंने पिछ्ला चुनाव हांथी पर चढ़कर जीता था लेकिन भाजपा का साथ देने लगे और वो भाजपा की टिकट लाने का प्रयास करेंगे। भाजपा की टिकट के अन्य दावेदारों में जिला भाजपा महामंत्री सोहन पाल सिंह छोकर, पिछली बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके नैनपाल रावत और कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए डाक्टर हरेंद्र सिंह राणा प्रमुख हैं और कहा जा रहा है कि सुरेंद्र तेवतिया भी पृथला से टिकट मांग सकते हैं। दो तीन छूभईया नेताओं के नाम भी आ रहे हैं।
बल्लबगढ़ विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहाँ से पंडित मूल चंद शर्मा विधायक हैं और वो चाहेंगे कि उन्हें फिर टिकट मिले लेकिन उन पर बिजली चोरी करने का??? इसलिए उनकी छबि ख़राब हुई है और आरएसएस के सर्वे में भी उन्हें? इसलिए हो सकता है कि किसी और को टिकट मिले लेकिन मूलचंद शर्मा एक बड़े मंत्री के रिश्तेदार हैं इसलिए टिकट ला भी सकते हैं भले ही जीत न मिले। यहाँ से भाजपा की टिकट के लिए दो बड़े नेता भी लाइन में हैं। ये दोनों नेता इस समय भाजपा में नहीं हैं और दिल्ली के सूत्रों की बात करें तो भाजपा ये सीट जीतना चाहती है भले ही उम्मीदवार बदलना पड़ जाये और किसी अन्य पार्टी के नेता को भाजपा में शामिल करवा उसे टिकट दी जाये। हरियाणा अब तक ने कल इस क्षेत्र में एक सर्वे किया था और तमाम लोगों ने कहा था कि वर्तमान विधायक से अच्छे यहाँ के दो नेता हैं। शारदा राठौर और दीपक चौधरी का नाम लिया जा रहा था। आरएसएस के सर्वे में भी इन दोनों नेताओं का नाम गया है और कहा गया है कि इन्हे भाजपा की टिकट दे दी जाये तो सीट निकल सकती है। यहाँ कई छुटभैया नेता पैदा हो रहे हैं जो अब तक गायब थे।
फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो उद्योगमंत्री विपुल गोयल को इस बार भी टिकट मिलेगी लेकिन टिकट की लाइन में अजय गौड़, धनेश अदलक्खा, मनमोहन गर्ग प्रमुख हैं और यहाँ भी कई छुभैय्या नेता पैदा हो रहे हैं जिनका कहना है कि टिकट हमें मिलेगी।
बड़खल की बात करें तो यहाँ भाजपा के बहुत कम लोग टिकट मांगने की होड़ में हैं और वर्तमान विधायिका सीमा त्रिखा के अलांवा कोई खास चेहरा नहीं दिख रहा है लेकिन यहाँ भी कई छूभईया नेता पैदा हो रहे हैं।
एनआईटी की बात करें तो यहाँ से वर्तमान इनलो विधायक नागेंद्र भड़ाना भाजपा की टिकट लाने का प्रयास करेंगे लेकिन यहाँ से नीरा तोमर, बीर सिंह नैन, सतीश फागना, संतोष यादव, यशबीर डागर भाजपा की टिकट मांगेंगे और दो गुमनाम लोग भी भाजपा की टिकट मांग रहे हैं और यहाँ से भी कई छूभईया नेता?
तिगांव की बात करें तो यहाँ से जिला भाजपा महासचिव एवं वरिष्ठ उप महापौर देवेंद्र चौधरी और पिछली बार चुनाव लड़ चुके राजेश नागर भाजपा की टिकट के प्रमुख दावेदारों में हैं। टिकट के दावेदार दूसरी बार पार्षद चुने गए अजय बैसला भी हैं लेकिन बैसला और गुर्जर परिवार एक परिवार की तरह है इसलिए अजय बैसला देवेंद्र का साथ देंगे। यहाँ भी कुछ छुटभैय्या? नाम लिखकर उन्हें मशहूर क्यू करू?
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