फरीदाबाद: ढाई महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में फरीदाबाद की बात करें तो अब भी यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच में होगा। अन्य पार्टियों का कोई जनाधार नहीं दिख रहा है। इनेलो, बसपा, जजपा, लोसपा के उम्मीदवारों को जमानत बचानी मुश्किल हो जाएगी। फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 9 विधानसभा सीटें आतीं हैं और पिछली बार पृथला बसपा के खाते में जबकि हथीन इनेलो और एनआईटी भी इनेलो के खाते में गई थी जबकि होडल, पलवल और तिगांव कांग्रेस और फरीदाबाद, बल्लबगढ़ और बड़खल भाजपा के खाते में गईं थीं। अब माहौल बदल गया है। इनेलो के दो फाड़ हो चुके हैं जबकि टेकचंद शर्मा बसपा का नाम तक नहीं लेना चाहते ऐसे में पृथला में बसपा के कार्यकर्ताओं का अभाव है। अधिकतर बसपा कार्यकर्ता टेकचंद शर्मा के साथ हैं वो किसी भी पार्टी से चुनाव में उतरें। यही कारण है कि बसपा की बाइक रैली कल फुस्स हो गई। पृथला में आयोजित इस रैली में कार्यकर्ताओं का अभाव रहा। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वाइरल हो रहा है जिसमे कहा जा रहा है कि 500 रूपये देकर बाइक सवार युवकों को बुलाया गया था। ये वीडियो बसपा नेता सुरेंद्र वशिष्ट के फतेहपुर बिल्लौच ऑफिस का बताया जा रहा है। सुरेंद्र वशिष्ठ टेकचंद शर्मा बनना चाहते हैं और पूरे पृथला में उनके होडिंग लगे हैं।
उन्हें लगता है कि पृथला में बसपा के टिकट से मैदान मार लेंगे लेकिन टेकचंद शर्मा बनना इतना आसान नहीं है। पृथला की गली-गली में घूमना पड़ेगा।
वैसे इस बार कई नेता आप, जजपा, बसपा, इनेलो, लोसपा की की टिकट लेने की बजाय आजाद चुनाव लड़ना पसंद करेंगे। इन पार्टियों की टिकट के लिए अब मारामारी नहीं देखी जाएगी। लोकसभा चुनावों में इन पार्टियों के उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हो गईं थीं।
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