चण्डीगढ़, 26 जुलाई- हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा ने भविष्य में प्रदेश में बनाई जाने वाली सभी नई इमारतों को दिव्यांग सुलभ बनाने के निर्देश दिये हैं। इसके अलावा, उन्होंने सभी पुरानी सरकारी इमारतों को भी समयबद्ध ढंग से दिव्यांग सुलभ बनाने और प्रदेश की सभी वैबसाइटों को भी दिसंबर 2019 तक दिव्यांग मैत्री बनाना सुनिश्चित करने को कहा है।
श्रीमती अरोड़ा ने आज यहां केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश में चलाये जा रहे फ्लैगशिप सुगम भारत अभियान की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को अपने-अपने विभागों की कार्ययोजना तैयार करने व दिव्यांग अधिकार विधेयक, 2016 की अनुपालना करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए पुलिस स्टेशनों, अस्पतालों, पर्यटन तथा डिजिटल भारत को भी सुगम्य बनाया जाये। इसके अलावा, स्कूलों, चिकित्सा सुविधाओं और कार्यस्थलों सहित इनडोर और आउटडोर सुविधाओं में बाधाओं और अवरोधों को भी खत्म किया जाए।
बैठक में बताया गया कि पहले चरण में गुरुग्राम जिले की 42 तथा फरीदाबाद जिले की 47 सरकारी इमारतों को दिव्यांग सुलभ बनाया जा रहा है। इन इमारतों के लिए अब तक 14.70 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं। दूसरे चरण में चण्डीगढ़ स्थित प्रदेश के दो मुख्यालयों की इमारतों को दिव्यांग सुलभ बनाने पर कार्य किया जा रहा है। मुख्य सचिव को बताया गया कि प्रदेश के दस जिलों- पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, भिवानी, हिसार तथा रेवाड़ी की सरकारी इमारतों को तीसरे चरण के तहत दिसंबर 2019 तक दिव्यांग सुलभ बनाया जायेगा। इसके अलावा, प्रदेश की 60 वैबसाइटों को भी अगस्त, 2019 तक दिव्यांग सुलभ बनाये जाने का लक्ष्य रखा गया है जिनमें से तहत अब तक 59 वैबसाइटों को दिव्यांग सुलभ बनाया जा चुका है।
बैठक में निर्र्णय लिया गया कि परिवहन विभाग द्वारा बसों में जरूरतमंद दिव्यांगजनों की सहायता के लिए सभी चालकों और परिचालकों को प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा और भविष्य में खरीदी जाने वाली सभी बसें दिव्यांग मैत्री होंगी। परिवहन विभाग द्वारा पुरानी बसों में रैंप भी रखवाये गये हैं ताकि दिव्यांगजनों को बसों में चढऩे में आसानी रहे। उन्हें बताया गया कि प्रदेश की 3155 बसों में जरूरतमंद दिव्यांगजनों के पकडऩे के लिए हैंडल मुहैया करवाए गए हैं। इसके अलावा, सभी बसों में सीट नंबर 7,8 व 9 को दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित किया गया है। प्रदेश में नये बनाये गये 18 बस अड्डïों को दिव्यांग सुलभ बनाया गया है तथा 45 बस अड्डïों पर रैंप एवं दिव्यांगजन मैत्री शौचालय बनवाये गये हैं।
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