13 जून 2019 : स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा कांग्रेस नेताओं को बिना मांगेे सलाह दी कि वे अपनी-अपनी अलग बैठके बुलाकर अपनी-अपनी ढपली अपना-अपना राग अलापने की बजाय गुटबाजी छोडकर प्रदेश के समस्त कार्यकर्ताओं की सामूहिक बैठक बुलाकर उन्ही से पूछे कि भविष्य में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए क्या रणनीति अपनाई जाये। विद्रोही ने कहा कि जब तक हरियाणा कांग्रेस नेता निजी महत्वकांक्षाओं से ऊपर उठकर सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करके उन्हे विश्वास में नही लेंगे, तब तक वे आमजनों का विश्वास कैसे जीत सकते है? जब पार्टी नेता, कार्यकर्ता एक बोली बोलने और एक कार्यक्रम लेकर जनता के पास नही जायेंगे तो आमजन कांग्रेस पर क्यों और किसलिए विश्वास करे।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता बल पर लोगों के बीच जातिवाद की जो गहरी खाई खोद दी है, उसे हरियाणा कांग्रेस बिना एकजुटता, ठोस कार्यक्रम के कैसे पाट सकतीे है। विद्रोही ने कहा कि जब तक कांग्रेसजन वर्ष 2004 से पहले का सामाजिक तानाबाना पार्टी में खड़ा नही कर देते है, तब तक भाजपा की जातिय धु्रवीकरण की राजनीति से पार नही पाया जा सकता है। जनता में कांग्रेस के प्रति जो गलत छवि बन गई है, उसे दूर किये बिना कांग्रेस अपना खोया जनाधार कैसे पा सकती है? कांग्रेस नेताओं की बिडम्बना यह है कि वह भाजपा के फैलाये जाल में फंसकर वैसा ही आचरण कर रहे है, जैसा भाजपा चाहती है।
हरियाणा के सामाजिक जातिय तानेबाने में जो भाजपा ने जहरीला बीज बोया है, उसे नष्ट किये बिना कांग्रेस का दोबारा सत्ता में आना मात्र एक द्विस्वप्न व नेताओं का भ्रम मात्र है। विद्रोही ने कहा कि यदि कांग्रेसी नेता प्रदेेश के सामाजिक तानेबाने को समझकर एकजुटता से काम करेंगे तो भाजपा के जातिय धु्रवीकरण को ध्वस्त कर सकते है और यदि कांग्रेसियों ने अपना अहम व निजी चौधर का स्वार्थ नही छोडा तो भाजपा-संघ के फैलाये जाल को तोडना ना केवल बहुत कठिन होगा अपितु इस जाल में इस तरह उलझ जायेंगे कि भविष्य में इससे पार पाना भी मुश्किल हो जायेगा।
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