राकेश शर्मा: कुरुक्षेत्र: बाबैन क्षेत्र के किसान टमाटर के दामों में आए उछाल से फुले नहीं समा रहे है। काबिलेगौर है कि तीन से चार वर्ष बाद टमाटर के दामों में उछाल आया है जिससे किसानों को लाखों रूपए प्रति एकड का मुनाफा हो रहा है। किसानों के लिए टमाटर की फसल वरदान बनकर आई है। कम उत्पादन के बावजूद टमाटर के बेहतर दाम मिलने से किसानों को लाखों रूपए मुनाफा हो रहा है। आम तौर पर टमाटर की फसल किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती आ रही थी। लेकिन इस बार टमाटर की फसल सोने के भाव बिक रही है। इस बार टमाटर की फसल ने दूसरी फसलों को काफी पीछे छोड दिया है। टमाटर की फसल को खरीदने के लिए देश के बडे बडे शहरों से व्यापारी ट्रक लेकर गांव में किसानों से टमाटर की फसल खरीदने के लिए पहुंच रहे है। बाबैन क्षेत्र का टमाटर देश की राजधानी आजादपुर सब्जी मंडी दिल्ली के अलावा बैंगलोर, चेन्नई, यूपी, उतराखंड, देहरादून, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ व देश के अन्य बडे बडे शहरों तक पहुंच रहा है।
क्षेत्र से हर रोज काफी संख्या में टमाटर से लदे ट्रक अलग अलग शहरों की मंडियों में पहुंच रहे है। आने वाले दिनों में टमाटर का उत्पादन ओर बढने पर क्षेत्र से 100 से 150 ट्रक प्रतिदिन अलग अलग मंडियों में सप्लाई होगा। किसान तिलकराज ने बताया कि इस बार टमाटर की 25 किलो की एक करेट व्यापारी उनके खेतों में आकर 500 रूपए तक खरीद रहे है। दक्षिणी भारत से भी बहुत से व्यापारी क्षेत्र में टमाटर खरीदने के लिए आए हुए है। इस बार उन्हें प्रति एकड लाखों रूपए का मुनाफा हो रहा है। इस बार उत्पादन कम है इसके बावजूद उन्हें अच्छा लाभ हुआ है। पिछले वर्ष टमाटर की एक करेट से 50 से 100 रूपए तक बिकी थी। जिससे किसानो को भारी नुक्सान हुआ था। नुक्सान के चलते पिछले तीन, चार वर्षो से टमाटर उत्पादक किसान अपनी टमाटर की फसल को ट्रैक्टर से नष्ट करता आ रहा था लेकिन इस बार पिछला सारा घाटा पुरा हो गया है। उन्होंने बताया कि उन्हें टमाटर बेचने के लिए दूर दूर मंडियों में नहीं जाना पड रहा है। व्यापारी खेतों में ही उन्हें अच्छे दाम दे रहा है। उनका टमाटर खेत में ही 20 रूपए किलो तक बिक रहा है।
बाबैन क्षेत्र के टमाटर की है देश के बडे बडे शहरों में मांग - बाबैन क्षेत्र के टमाटर की देशभर में एक अलग पहचान है। जिस कारण बडे बडे शहरों के व्यापारी बाबैन में टमाटर खरीदने पहुंच रहे है। हर वर्ष क्षेत्र में टमाटर का रकबा बढता जा रहा है। आज से 15 वर्ष पहले तक क्षेत्र के कुछ गांव ही टमाटर की खेती से जुडे हुए थे। लेकिन आज क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में टमाटर की खेती हो रही है। टमाटर के दाम कम रहने पर भी बाबैन क्षेत्र के लोगों ने टमाटर की खेती करना नही छोडा। भारी नुक्सान हुआ उसे भी झेला। अब मुनाफे की बारी आई तो किसानों में खुशी की लहर है।
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