चंडीगढ़, 25 जून- हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में दो रियल एस्टेट रेगुलेशन ऑथोरिटी बनाए जाने पर आज केंद्रीय आवासन एवं शहरी मंत्रालय ने सराहना की। हरियाणा देश में ऐसा पहला राज्य है जहां लोगों को आवास से संबंधित होने वाली दिक्कतों का जल्द से जल्द निपटान करने के लिए दो रियल एस्टेट रेगुलेशन ऑथोरिटी बनाई गई हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों की सराहना आज केंद्रीय आवासन एवं शहरी मंत्री श्री हरदीप सिंह पूरी की अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में की गई। हरियाणा की ओर से शहरी स्थायनीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद मोहन शरण और महानिदेशक श्री समीर पाल सरो ने इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शिरकत की।
अमृत योजना
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के पश्चात शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद मोहन शरण ने बताया कि कायाकल्प और शहरी बदलाव के लिए अटल मिशन (अमृत) योजना हरियाणा के 18 स्थानीय निकायों के 20 शहरों में लागू है, जिनमें गुरुग्राम, पंचकूला, अंबाला शहर, अंबाला सदर, यमुनानगर, जगाधरी, करनाल, हिसार, रोहतक, फरीदाबाद, पानीपत, कैथल, रेवाड़ी, भिवानी, थानेसर, सोनीपत, बहादुरगढ़, पलवल, सिरसा और जींद हैं। इस योजना को लागू करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्त रीय हाई पावर्ड स्टेयरिंग कमेटी और शहरी स्था्नीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय तकनीकि कमेटी गठित की गई है।
उन्होंने बताया कि अमृत योजना के तहत केंद्र सरकार ने 2565.74 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है जो तीन चरणों में होगा। जिसमें पेयजल आपूर्ति के लिए 643.77 करोड़, सीवरेज प्रणाली के लिए 1513.17 करोड़, स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज के लिए 375.2 करोड़, ग्रीन स्पेस और पार्क के लिए 32.20 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अमृत योजना के अंतर्गत सुधारों पर जोर दिया गया है जिसके तहत विभिन्न सुधार होंगे। अर्बन ट्रांसपोर्ट के तहत पीपीपी मोड पर गुरुग्राम और फरीदाबाद में इंटरासिटी बस सेवा को लागू करने के लिए प्रक्रिया जारी है। जिसके अंतर्गत गुरुग्राम में 75 बसें चल रही हैं और 200 बसों को खरीदने का ऑर्डर दिया गया है। इसी प्रकार, फरीदाबाद में पहले चरण के तहत 90 बसें ली जाएंगी और इसके पश्चात 575 ओर बसें ली जाएंगी।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में अमृत योजना के अंतर्गत 20 शहरों में 3.26 लाख पेयजल और 5.24 लाख सीवरेज कनेक्शपन दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 7 शहरों के लिए 207 एमएलडी क्षमता के 29 एसटीपी लगाए जाएंगे। इसके अलावा स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज सिस्टीम में बढोतरी की जाएगी और ग्रीनस्पेस और पार्क जैसी सुविधाएं होंगी। इस योजना के अंतर्गत 2433.64 करोड़ रुपये की डीपीआर मंजूर हो चुकी हैं और 2354.37 करोड़ रुपये का काम अलॉट हो चुका है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत विभाग द्वारा 100 से 150 करोड़ रुपये प्रति माह खर्च किये जाएंगे।
अमृत योजना में होने वाले सुधारों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा की रैंकिंग पहले से बेहतर हुई है और आज हमारी रैंकिंग देश में 10वें स्थान पर है। हरियाणा ने कुल 54 सुधारों में से 34 सुधार लागू कर दिये हैं और 20 सुधारों पर आंशिक उपलब्धि हासिल की है। उम्मीद है कि मार्च, 2020 तक सभी सुधारों को लागू कर दिया जाएगा। इसी प्रकार, सभी शहरी स्थानीय निकायों की अपनी वेबसाइट बन चुकी है और कुछ ऑनलाइन सेवाएं भी दी जा रही हैं। इसके अलावा, जल्द ही निकाय अपना-अपना न्यूजलेटर भी प्रकाशित करेंगी।
स्मार्ट सिटी मिशन
उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत हरियाणा के फरीदाबाद शहर को दूसरे राउंड और करनाल को तीसरे राउंड में केंद्र सरकार द्वारा चुना गया। लेकिन हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार ने संयुक्त रूप से गुरुग्राम को स्मार्ट सिटी बनाने की पहल की। उन्होंने फरीदाबाद स्मार्ट सिटी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2016 में विशेष बहुउद्देशीय वाहन (एसपीवी) का गठन किया गया। उसके बाद परियोजना प्रबंधन कंस्लटेंट को नियुक्त किया गया। स्मार्ट सिटी योजना के तहत फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड के 2 घटक हैं, जिसमें एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (ऐबीडी) और पान सिटी प्रपोजल हैं। उन्होंने बताया कि 2552.49 करोड़ रुपये की 45 परियोजनाएं हैं, जिनमें से 595.87 करोड़ रुपये की परियोजनाएं क्रियान्वयन के अंतर्गत हैं और 2.6 करोड़ रुपये की 2 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं तथा अन्य पर कार्य जारी है।
उन्होंने शहर में लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरा, इंटरनेट, ऑप्टिकल फाइबर, स्लम बस्तियों के विकास, गांवों को स्मार्ट बनाना, स्मार्ट अर्बनाइजेशन, स्मार्ट सडक़ें, फरीदाबाद की बडख़ल झील का पुर्नोद्धार और स्मार्ट सरफेस पार्किंग जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर प्रकाश डाला और कहा कि स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत स्मार्ट शौचालय, ओपन ऐयर जिम, वाटर हार्वेसटिंग सिस्टम और एकिकृत कंट्रोल कमांड सिस्टम जैसी हाईटैक सुविधाएं होंगी।
स्मार्ट सिटी करनाल के संबंध में उन्होंने बताया कि करनाल को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 1171.83 करोड़ रुपये की 57 परियोजनाएं हैं। जिसके तहत 40 परियोजनाएं एबीडी और 17 परियोजनाएं पान सिटी प्रस्तावों के अंतर्गत हैं। उन्होंने बताया कि 11.15 करोड़ रुपये की 5 परियोजनाएं पूरी हो चुकी है और 88.87 करोड़ रुपये की 7 परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं तथा अन्य परियोजनाओं पर प्रक्रिया जारी है।
इसी प्रकार, गुरुग्राम स्मार्ट सिटी के बारे में उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में जीएमडीए ने 40 करोड़ रुपये की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम किया है और इस योजना के अंतर्गत निजी परिसरों में लगे कैमरे भी एकिकृत किये जाएंगे। गुरुग्राम में योजनाओं को सही ढंग से अमलीजामा पहनाने के लिए जीआईएस मैपिंग का कार्य किया गया है तो वहीं 62 करोड़ रुपये की लागत से एकिकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जा रहा है जिसका कार्य 2 महीनों में पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में नि:शुल्क ऑप्टितकल फाइबर 4 मुख्य कंपनियों द्वारा बिछाया जा रहा है और यह फाइबर 600 किलोमीटर क्षेत्र में डाला जाएगा, जिसमें से 220 किलोमीटर क्षेत्र में फाइबर बिछ चुका है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना के पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए श्री शरण ने बताया कि निजी मकान निर्माण के लाभार्थी को कुल 2.50 लाख रुपये की सबसिडी दी जाती है जिसमें से 1.50 लाख रुपये केंद्र और 1 लाख रुपये राज्य सरकार की ओर से नए मकान निर्माकर्ता को दिए जाते हैं। जबकि मकान के विस्तार के लिए केवल 1.50 लाख रुपये केंद्र की ओर से दिए जाते हैं। इसी प्रकार, किफायती आवासन में 1.50 लाख रुपये केंद्र और 1 लाख रुपये राज्य सरकार की ओर से दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि स्लम क्षेत्र के पुर्नविकास के लिए निजी हिस्सेदारी के साथ भूमि के विकास के लिए केंद्र की ओर से 1 लाख रुपये और राज्य सरकार की ओर से 67 हजार रुपये दिए जाते हैं। जबकि क्रेडिट लिंक सबसिडी योजना के अंतर्गत 16598 मामले विभिन्न बैंकों में गए हुए हैं, जिनमें से 2755 मामलों में 350 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है। इसी प्रकार, बीएलसी वर्टिकल के अंतर्गत 67411 मकानों की स्वीकृति हुई, जिसमें से ईडब्ल्यू एस के 342 मकान पूर्ण हो चुके हैं और 3661 मकानों पर काम चल रहा है।
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